केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इटली जाने की इजाजत देने से इनकार कर दिया है। मुख्यमंत्री ममता इस साल अक्टूबर में वेटिकन में होने वाले विश्व शांति सम्मेलन में भाग लेने जाने वाली थीं। यह कार्यक्रम मदर टेरेसा पर केंद्रित होगा। इस बाबत एक रिपोर्ट सामने आया है। उस रिपोर्ट के मुताबिक पॉलिटिकल एंगल को ध्यान रखते हुए ममता को इटली जाने की मंजूर नहीं दी गई।वहीं, टीएमसी प्रवक्ता देबांग्शु भट्टाचार्य देव ने ममता बनर्जी को इजाजत नहीं दिए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।  

क्यों सरकार ने नहीं दी मंजूरी 

सरकार की ओर से ममता को मंजूरी नहीं दिए जाने पर एक रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि दरअसल, यह इवेंट जिस लेवल का है उसके लिए एक राज्य के मुख्यमंत्री की भागीदारी को सही नहीं समझा गया। इस सम्मेलन में जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, पोप फ्रांसिस और इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रेगी शामिल होंगे। 

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टीएमसी ने जताया नराजगी

वहीं, टीएमसी प्रवक्ता देबांग्शु भट्टाचार्य देव ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने ट्वीट कर लिखा हैकि “केंद्र सरकार ने दीदी की रोम यात्रा की इजाजत नहीं दी! पहले उन्होंने चीन यात्रा की अनुमति भी रद्द कर दी थी। हमने अंतरराष्ट्रीय संबंधों और भारत के हितों को ध्यान में रखते हुए उसे फैसले को स्वीकार कर लिया था। अब इटली की यात्ररा को लेकर मोदी जी ऐसा क्यों हुआ? बंगाल के साथ आपकी समस्या क्या है?”  

कार्यक्रम में बुलाने के लिए किसने भेजा था निमंत्रण

कम्युनिटी ऑफ सेंट एगिडियो के प्रेसिडेंट प्रोफेसर मार्को इम्पाग्लियाजो ने छह और सात अक्टूबर को आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए ममता को निमंत्रण भेजा था। निमंत्रण पत्र में टीएमसी प्रमुख को हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में उनकी जीत के लिए बधाई दी गई है। पत्र में ममता के द्वारा पिछले 10 साल में सामाजिक न्याय, देश के विकास और शांति के लिए किए गए प्रयासों के लिए भी बधाई दी गई।

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