Published on September 19, 2021 6:55 pm by MaiBihar Media
‘सैंया कोतवाल तो फिर काहे का डर’ बिहार सरकार ने पूर्ण शराबबंदी कर महिलाओं को मरहम तो लगा दिया लेकिन उन महिलाओं को क्या जो इस शराबबंदी के आरोपित के नाम पर अपने परिवारों को खो दिया। दरअसल, सीवान से एक मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने 16 मार्च 2020 को जीबी नगर थाना में अपने पति की हत्या के मामले में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें महिला ने जीबी नगर के थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह को नामजद अभियुक्त बनाया था। एक साल खत्म होने के बाद दागी बना सीवान टाउन थानाध्यक्ष पुलिस डायरी में फरार है, लेकिन जीबीनगर में वही थाना का इंचार्ज बन कर बैठा है।
क्या है पूरा मामला
बताते चले कि गौर कत्थक गांव निवासी स्वर्गीय लाल बहादुर राउत को पुलिस ने शराब के मामले में छापामारी के दौरान गिरफ्तार किया था, जेल में उसकी मृत्यु हो गई थी, इस मामले में मृतक की पत्नी ने थाना प्रभारी को आरोपित किया था और उसके खिलाफ टाउन थाने में मामला दर्ज करवाया था। महिला ने न्याय की गुहार के लिए मुख्यमंत्री के अध्यक्ष पुलिस महानिदेशक, नेता प्रतिपक्ष, पुलिस उपमहानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक सीवान को भी ज्ञापन दिया है।
दागी थानाध्यक्ष जान से मारने की देता है धमकी
हालांकि अभी तक महिला को न्याय नहीं मिला है। अब वही महिला जान की सुरक्षा के लिए गुहार लगा रही है। महिला का कहना है कि उसे अपनी जान को खतरा है और थाना प्रभारी द्वारा उसे आए दिन केस उठा लेने की धमकी दी जाती है। साथ ही जान से मार डालने की भी धमकी दी जाती है। सीवान के पुलिस अधीक्षक अभिनव कुमार ने कहा है कि मामला कोर्ट केस प्रतीत होता है, संज्ञान में आया है तो इसकी जांच की जाएगी। आवश्यक जांच पड़ताल के बाद ही इस मामले में अगला कदम उठाया जाएगा।
आपको बता दें कि इस बाबत महिला ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को न्याय के लिए ज्ञापन सौंपा है। जिसमें महिला ने पूछा है कि पुलिस महानिदेशक के कथन अनुसार किसी भी दागी को थानाध्यक्ष नहीं बनाना है तो आखिर किस परिस्थिति में प्रमोद कुमार सिंह को जीवी नगर थाना अध्यक्ष के रूप में पदस्थापित किया गया है। साथ ही महिला ने पूरे मामली की जानकारी देते हुए थाना प्रभारी द्वारा आए दिन केस उठा लेने का दबाव बनाए जाने की जानकारी दी है।