Published on September 12, 2021 4:05 pm by MaiBihar Media
शेखपुरा (Sheikhpura) से अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। दरअसल, खेल तमाशा दिखाने वाले को मौत ने ही धोखा दे दिया। “सर्कस वाला हूं सिर्फ आंखों को नहीं, मौत को भी धोखा देता हूं” यह डायलॉग फिल्मों में आपने अक्सर सुना होगा। लेकिन शेखपुरा जिला में इसका उल्टा हो गया। करतब दिखाने के दौरान ही युवक की मौत हो गई। मरने वाला युवक की पहचान शेखोपुरसराय प्रखंड अंतर्गत वीरपुर गांव रामलगन रविदास का 18 वर्षीय पुत्र धीरज रविदास के रूप में हुई है। घटना की सूचना मिलते ही वीरपुर गांव से धीरज रविदास के परिजन पहुंचे और मौके पर ही सब रोने और चीखने लगे, जिससे वहां का माहौल गमगीन हो गया।
मौत के बाद भगदड़
जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि धीरज रविदास साइकिल से खेल तमाशा दिखाने का काम करता था। बीती रात भी बगल के गांव बरबीघा थाना अंतर्गत मधेपुर गांव में अपने साथियों के साथ खेल तमाशा दिखा रहा था। खेल तमाशा दिखाने के दौरान साथियों की मदद से मिट्टी के गड्ढे में धीरज कुमार को जिंदा दफन कर दिया गया था। मिट्टी के गड्ढे में धीरज रविदास को दफन करने के बाद तंत्र मंत्र करके उसे जिंदा निकालने का दावा किया गया था। लेकिन शुक्रवार की रात किस्मत ने उसका साथ छोड़ दिया और दम घुटने की वजह से मिट्टी के गड्ढे में ही उसकी मौत हो गयी। जब रात 12 बजे उसे गड्ढे से बाहर निकाला गया, तब तक दम घुटने से मौत हो चुकी थी। धीरज रविदास को मृत अवस्था में गड्ढे से बाहर निकाला गया तो देखने वालों में भगदड़ मच गई।
क्या था मामला
शुक्रवार की रात सैकड़ों की संख्या में मधेपुर के लोग साईकल का खेल तमाशा देखने को जुटे हुए थे। पिछली रात मिट्टी के गड्ढे में धीरज रविदास को दफ़न किया गया था। उसको देखने के लिए कौतूहलवश सैकड़ों महिलाओं-पुरुषों सहित बच्चों का हुजूम उमड़ पड़ा था। इसके पहले साइकिल तमाशे वालों ने नाच गाना दिखाकर भरपूर मनोरंजन किया था। इसके एवज में मिले पैसे व अनाज से ये अपना घर चलाते हैं। लेकिन शुक्रवार रात की घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। मिट्टी में जिंदा इंसान को दफन कर 24 घंटे जिंदा रहना मुश्किल होता है। लेकिन तमाशे वाले तंत्र-मंत्र और जादू टोना पर विश्वास करते हुए, जिंदा इंसान को मिट्टी में दफन कर देते हैं। लेकिन इस अंधविश्वास के चक्कर में एक युवक की जान चली गयी। जिससे एक मां ने बेटा खोया एवं बाप ने बुढ़ापे की लाठी।
परिजनों ने पुलिस को लौटाया
सर्कस के दौरान करतब दिखाने में मौत की सूचना मिलते ही बरबीघा पुलिस घटनास्थल पहुंचकर शव को कब्जे में लेने का प्रयास किया। लेकिन मृतक के पिता और स्थानीय मुखिया के द्वारा विरोध जताया गया। जिसके कारण पुलिस टीम को वापस लौटना पड़ा। इस बाबत प्रभारी थाना अध्यक्ष रंजीत कुमार ने बताया कि मृतक के पिता के द्वारा स्वाभाविक मौत बताया गया है। जिसे परिवार के द्वारा दाह संस्कार कर दिया जाएगा। जिसके कारण शव का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। हालांकि पुलिस के द्वारा काफी समझाने का प्रयास किया गया लेकिन उसके पिता व परिजन अपने ज़िद्द पर अड़े रहे। सवाल यह उठाता है कि ऐसे मामलों पर आखिर पुलिस बैरंग क्यों लौट गई, क्या इससे परिजनों का मनोबल बढ़ेगा या ऐसे कार्यों के प्रति अब परिजन सतर्क भी रहेंगे।