Published on August 25, 2021 6:08 pm by MaiBihar Media

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को ‘ थप्पड़’ मारने के बयान पर सियासी थमने का नाम नहीं ले रही। मामले में गिरफ्तार केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) को जमानत भले मिल गई, लेकिन विवाद और भी तूल पकड़ लिया है। दरअसल, अब नासिक पुलिस ने उन्हें दो सितंबर को थाने में पेश होने को कहा है। वहीं, मंगलवार देर रात राणे को जमानत देते हुए महाड मजिस्ट्रेट ने उनकी गिरफ्तारी को सही ठहराया और आगे ऐसे बयान न देने को लेकर ताकीद किया। इधर राणे ने देश में कानून का राज बताया है।

गौरतलब हो कि मामले को लेकर महाड मजिस्ट्रेट कहा, चूंकि उन्होंने बयान मीडिया के सामने दिया, ऐसे में हिरासत में पूछताछ की जरूरत नहीं दिखती। राणे के वकील ने कहा कि उन्होंने अपने मुवक्किल को आगे ऐसा बयान न देने की सलाह दी है। इस पर मजिस्ट्रेट ने कहा, अगर कुछ शर्तों पर जमानत दी जाती है तो अभियोजन पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। कोर्ट ने राणे को निर्देश दिया कि जब उनकी आवाज के नमूने लेने हों तब वे जांच में सहयोग करें। राणे भी बॉम्बे हाई कोर्ट में अपने खिलाफ दायर एफआईआर खारिज करवाने की अपील करेंगे। मालूम हो कि इस मामले में राणे पर पुणे (Pune), नासिक, ठाणे और महाड में 4 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इस बीच, राणे के मुंबई(Mumbai) पहुंचने पर उनके निवास पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

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इधर, शिवसेना ने मुखपत्र सामना में लिखा, अगर किसी ने ऐसी बात प्रधानमंत्री के बारे में कही होती, तो उसे देशद्रोह के आरोप में अंदर कर दिया जाता। राणे का अपराध भी समान है। भाजपा को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। मुख्यमंत्री को धमकी देनेवाले हाथ को कानूनी तौर पर तोड़ देना चाहिए। फडनवीस सरकार ने कुछ बौद्धिक लोगों को इन आरोपों के बाद जेल भेज दिया कि वे प्रधानमंत्री की हत्या का षडयंत्र रच रहे थे। कोई सभ्य नेता होता तो माफी मांग लेता और बात खत्म हो जाती।

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