Published on August 20, 2021 9:37 pm by MaiBihar Media
तालिबानी लड़ाकों के काबूल पहुंचने के साथ अफगान के लोगों में बेचैनी बढ़ गई और इसके साथ ही देश व दुनिया में भी हलचलें बढ़ गई। वर्तमान में वहां लोगों में दहशत और अराजकता का माहौल कायम है। इधर,अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लेने के बाद अब तालिबान शासन-व्यवस्था स्थापित करने के लिए जूझ रहा है। इस बीच उसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। लगातार दूसरे दिन गुरुवार को राजधानी काबुल सहित एक अन्य शहर में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे। खबरों के मुताबिक करीब 200 लोगों ने काबुल में देश का झंडा लहराते हुए तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन किया।
मिली जानकारी के मुताबिक प्रदर्शनकारी लोग राष्ट्रपति भवन के नजदीक तक पहुंच गए। हालांकि बाद में तालिबान लड़ाकों ने हिंसक तरीके अपनाकर सभी को तितर-बितर कर दिया। काबूल के बाद अफगान के दूसरे शहर असदाबाद में भी प्रदर्शन हुए। वहां भी तालिबान लड़ाकों ने प्रदर्शनकारियों पर बल-प्रयोग किया। प्रदर्शनकारियों पर सीधे गोलियां चला दीं। इससे कई प्रदर्शनकारी मारे गए हैं। इससे पहले बुधवार को भी दो शहरों में प्रदर्शन हुए थे। तब भी तालिबान लड़ाकों ने प्रदर्शनकारियों के साथ बुरी तरह मारपीट की थी। उन पर गोलियां चलाई थीं।
आपको बता दें कि इस बीच पिछली सरकार के एक शीर्ष अफसर ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया में सोशल मीडिया पर लिखा, ‘देश का झंडा और मुखालफत की आवाज बुलंद करने वालों को मेरा सलाम।’ जानकारों का मानना है कि ऐसे समय जब तालिबान के डर से लाखों लोग देश छोड़ रहे हैं, उस समय इस तरह विरोध की आवाजें उठना बड़ा संकेत है। यह इस बात का प्रमाण है कि सैकड़ों-हजारों लोग हैं, जो जुल्म और आतंक के खिलाफ आवाज उठाना जानते हैं। ऐसा करना चाहते हैं। कर भी रहे हैं। इसे तालिबान के लिए मुल्क में शासन-व्यवस्था स्थापित करने में मुश्किल बढ़ने का संकेत भी माना जा रहा है। देश में रक्षा, सुरक्षा, कानून-व्यवस्था की स्थिति भी दिनों-दिन बदतर हो रही है।
आपको बता दें कि सेना, सुरक्षा का नियंत्रण अब पूरी तरह से तालिबान के हाथ में है। अपने प्रशासन की स्थिति सामान्य बनाने के लिए तालिबान का नेतृत्व देश और दुनिया को भरोसा दे रहा है कि उसकी क्रूरता की कहानियां अब पुरानी हो चुकी हैं। यह नया तालिबान है। लेकिन उसके दावे और वादे पर अब तक कोई भरोसा करने काे तैयार नहीं है।