Published on July 30, 2022 11:52 am by MaiBihar Media

सरकार व विपक्षी पार्ट्रियों की आपसी सहमती के बाद बिहार में जाति आधारित गणना की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आपको बता दें कि इस गणना से पूर्व सहयोगी दल के सूर अलग थे पर अब कुछ सामान्य हो गया है। इसी कवायाद को आगे बढ़ाते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने बिहार के सभी 38 जिलों के जिलाधिकारी को जाति आधारित गणना के लिए पत्र भेजा है। प्रधान सचिव के द्वारा जारी पत्र में कहा कि गया है कि सूबे के सभी धर्म एवं संप्रदाय के प्रत्येक व्यक्ति की गणना की जाएगी। पत्र में यह निर्देश दिया गया है कि यदि सरकार के द्वारा जारी सूची में कोई जाति छूटी है तो उसका साक्ष्य के साथ उपलब्ध कराया जाए। ताकि, छूटी हुई जातियों को सूची में जोड़ा जा सके। यदि सूची में शामिल जाति छूटी नहीं है तो उसका प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाए।


डीएम करेंगे पदाधिकारियों को नामित
पदाधिकारियों के मुताबिक राज्य सरकार ने जिले में जाति आधारित गणना का फॉर्मेट तैयार किया गया है। डीएम अपने प्रशासन के वरीय पदाधिकारी या जिला संख्यकी पदाधिकारी को अपर प्रधान गणना पदाधिकारी के रूप में नामित करेंगे। वहीं, नगर निकाय स्तर पर कार्यपालक पदाधिकारी और प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास प्रदाधिकारी गणना पदाधिकारी होंगे।

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कितने सवाल पूछे जाएंगे इसकी चल रही तैयारी
पदाधिकारियों के मुताबिक केंद्र सरकार के जनगणना की तरह बिहार में जाति गणना होगी। इसमे नाम के बाद जाति का नाम लिखना होगा। इसमें कितने सवाल लोगों से पूछे जाएंगे। इसकी तैयारी चल रही है।

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