Published on July 7, 2022 12:10 pm by MaiBihar Media
किसानों को खेतों में अब फसल के अवशेषों को जलाने की मजबूरी नहीं होगी। अब इससे किसान कमाई भी कर सकते है और लाभ कमा सकते है। सरकार इसके लिए विशेष पहल कर रही है। आपको बता दें कि खेतो में पुआल वा अन्य अवशेष जलाने से जहा खेतों की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है वहीं प्रशासन किसानों को चिह्नित कर सरकारी योजनाओं को लाभ देने से भी वंचित कर रहा है। कावायद करते हुए सरकार एक नई पहल की है। अब किसान फसल अवशेष को जलावन के रूप में तैयार कर खुद भी इस्तेमाल कर सकते हैं । इस बार कृषि यांत्रिकीकरण योजना में ब्रीकेट मेकिंग मशीन को भी शामिल किया गया है। इस पर 75-80 % तक अनुदान दिया जाएगा।
किसान ब्रीकेट मशीन से छोटे-छोटे ब्रीक्स तैयार कर उसे कोयला का वैकल्पिक रूप तैयार कर सकते हैं। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए यह अच्छा विकल्प है। आपकों बता दें कि खेतों में फसलों की मशीन से कटाई होने के बाद ज्यादातर अवशेष बच जाते है। जिसका इस्तेमाल किसान कर सकते है । वहीं इस मशीन से किसानों को काफी लाभ मिलेगा।
इस बार कृषि यांत्रिकीकरण योजना में ब्रीकेट मेकिंग मशीन को भी शामिल किया गया है । पराली, खर-पतवार, खल्ली, भूसा, पेड़ का छाल, ठंडल आदि का इस्तेमाल कर जलावन तैयार किया जा सकता है। यह मशीन हाई प्रेशर से वेस्ट को कम्प्रेस कर देता है और छोटे-छोटे टुकड़ा में तब्दील कर देता है। मशीन पर अनुसूचित जाति के किसानों को 80 एवं सामान्य किसानों को 75 % अनुदान दिया जाएगा।
छोटे-बड़े कुल 90 प्रकार के यंत्र जैसे ब्रीकेट मेकिंग मशीन के अलावे रीपर, कटर, पावर थ्रेसर, पावर टीलर, आटा चक्की, स्प्रेयर मशीन, पेड़ कटर आदि को इस योजना में शामिल किया गया है। सभी वर्ग के यंत्रों पर 40-80 % अनुदान दिया जाएगा। फसल अवशेष पर 75-80 % अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति को 80 और सामान्य जाती को 75 %। इसके अलावे अन्य यंत्र पर 40-50 % अनुदान दिया जा रहा है। जिसमें अनुसूचित जाति को 50 और सामान्य जाति को 40 % अनुदान मिलेगा।