Published on May 31, 2022 11:44 am by MaiBihar Media
27 जनवरी 2001 को पूर्व सांसद साधु यादव पटना स्थित विश्वेश्वरैया भवन में परिवहन आयुक्त के कार्यालय में जबरन प्रवेश कर जबरदस्ती एक प्रवर्तन निरीक्षक का स्थानांतरण पत्र जारी करवाने के मामले में पटना स्थित सांसदों एवं विधायकों की एक विशेष अदालत ने सोमवार को पूर्व सांसद साधु यादव को तीन वर्षों के सश्रम कारावास की सजा व 16 हजार का जुर्माना भी किया।
जुर्माने की राशि नहीं देने पर चाह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी
विशेष अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आदि देव ने मामले में सुनवाई के बाद साधु यादव को दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषी को कुल 4 माह के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी।
जानिए क्या है पूरा मामला
अभियोजन पदाधिकारी धीरेंद्र प्रसाद सिन्हा ने बताया कि 27 जनवरी 2001 को पूर्व सांसद साधु यादव पटना स्थित विश्वेश्वरैया भवन में परिवहन आयुक्त के कार्यालय में अपने कई कमांडो फोर्स के साथ जबरन प्रवेश कर गए। जब वहां एक मीटिंग चल रही थी। साधु यादव पर आरोप था कि उन्होंने परिवहन आयुक्त से जबरदस्ती एक प्रवर्तन निरीक्षक सीताराम पासवान का स्थानांतरण आदेश हस्ताक्षर करवाकर जारी करवाया।
गर्दनीबाग में दर्ज की गई थी प्राथमिकी
इस मामले में गर्दनीबाग थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अभियोजन ने अपना आरोप साबित करने के लिए तत्कालीन परिवहन आयुक्त नरेंद्र कुमार सिन्हा समेत सात गवाहों का बयान अदालत में कलम बंद करवाया था। सजा होने के बाद यादव की ओर से एक आवेदन दाखिल कर इस निर्णय के खिलाफ अपील दायर करने की बात कहते हुए जमानत पर मुक्त किए जाने की प्रार्थना की गई थी। अदालत ने 30 दिनों की अंतरिम जमानत देते हुए अपील दाखिल कर आदेश लाने का समय दिया है।