Published on May 11, 2022 2:52 pm by MaiBihar Media
देश में अंग्रेजों के जमाने से जले आ रहे देश द्रोह कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बेहद ही सख्त फैसला दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि जब तक आईपीसी की धारा 124 ए की री-एग्जामिह प्रोसेस पूरी नहीं हो जाती है, तब तक इसके तहत कोई मामला दर्ज नहीं होगा। सबसे बड़ी बात यह है कोर्ट बंद आरोपियों को लेकर राहत दी है। कोर्ट के मुताबिक जब तक नया कानून नहीं बनता है तब तक जो आरोपी जेल में बंद हैं, वे जमानत के लिए अपील कर सकते हैं।
गौरतब हो कि सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला तब दिया जब सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को 1870 में बने पुराने राजद्रोह कानून यानी आईपीसी की धारा-124ए पर केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दायर किया। इसके बाद कोर्ट ने केंद्र को इस कानून के प्रावधानों पर फिर से विचार करने की अनुमति दे दी।
हालांकि इससे पहले सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आईपीसी की धारा 124ए पर रोक न लगाई जाए। हालांकि, उन्होंने यह प्रस्ताव दिया है कि भविष्य में इस कानून के तहत एफआईआर पुलिस अधीक्षक की जांच और सहमति के बाद ही दर्ज की जाए।
गौरतलब है कि देशद्रोह के मामलों में धारा 124A से जुड़ी 10 से ज्यादा याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। बताते चलें कि केंद्र ने कहा कि जहां तक लंबित मामलों का सवाल है, संबंधित अदालतों को आरोपियों की जमानत पर शीघ्रता से विचार करने का निर्देश दिया जा सकता है।