Published on February 1, 2022 11:39 am by MaiBihar Media
राज्य में सात फरवरी से स्कूल खुलने की संभावना जताई जा रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि बिहार में कोरोना के केस में कमी आ रही है। जिसकों लेकर निर्णय लिया जा सकता। वहीं इसके पीछे नीजी स्कूलों के आंदोलन की चेतावनी भी अहम कारण है। वहीं बाकी राज्यों में कोरोना नियमों के पालन के साथ धीरे-धीरे स्कूल खोले जा रहे हैं, इस कारण भी बिहार सरकार दबाव में है। जानकारी के अनुसार सरकार पांच फरवरी को राज्य में स्कूलों के संचालन पर निर्णय ले सकती है। आपकों बता दें कि प्राइवेट स्कूल संचालकों के साथ कर्मचारी सात फरवरी से आंदोलन करने की पूरी तैयारी में लगे है। ऐसे में बैठक में इस बार पांच फरवरी को स्कूलों खुलने की संभावना जताई जा रही है।
आपकों बता दें कि प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद के आह्वान पर सभी जिलों में आंदोलन की बड़ी तैयारी चल रही है। एसोसिएशन का साफ तौर पर कहना है कि अगर बिहार सरकार 6 फरवरी तक कोई निर्णय नहीं लेती है तो राज्य के प्राइवेट स्कूलों के संचालक और कर्मचारी के साथ गार्जियन भी सड़क पर आंदोलन के लिए उतरेंगे। वहीं अध्यक्ष ने कहा कि स्कूलों के संचालन को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। कोरोना का बहाना कर सरकार प्राइवेट स्कूलों पर कर्ज का बोझ लादने में जुटी है। कोरोना की दूसरी लहर में भी स्कूलों को आंदोलन की चेतावनी के बाद ही खोला गया था। बिहार बोर्ड कोरोना काल के बाद भी इंटर और मैट्रिक का एग्जाम करा रही है। एक फरवरी से राज्य के 1471 परीक्षा केंद्रों पर 13,45,939 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। इसमें 6,48,518 छात्राएं और 6,97,421 छात्र शामिल हैं। यह कारण भी एक है, जिससे सरकार पर स्कूल खोलने का दबाव बढ़ रहा है