Published on December 27, 2021 2:11 pm by MaiBihar Media


ताेमर के दिए गए बयान के बाद किसानों में काफी आक्रोश था। किसान नेता जगतार सिंह ने कहा कि हम दिल्ली से लौटे हैं और वापस आने में देर नहीं लगेगी। उन्होंने कहा कि अगर हमारे किसान नेताओं ने एक आवाज दे दी, तो चाहे फिर दिल्ली हो या महाराष्ट्र, लाखों की तादाद में किसान फिर से वहां पहुंच जाएंगे। हम उन कानूनों को लागू नहीं होने देंगे जो किसानों के हित में नहीं हैं। मामला बढ़ता देख केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र िसंह ताेमर ने कहा है कि रद्द कृषि कानून काे वापस लाने की सरकार की काेई याेजना नहीं है। ताेमर ने कहा कि किसानों का मान रखने के लिए प्रधानमंत्री ने कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने का निर्णय किया है। कांग्रेस अपनी असफलताओं पर पर्दा डालने के लिए भ्रम फैलाने का काम करती है, इससे किसानों को सावधान रहना चाहिए। ताेमर ने अपने बयान काे लेकर हुए विवाद के बाद यह सफाई दी है। शनिवार काे उन्हाेंने नागपुर में कहा था, “हम कृषि संशोधन कानून लाए। लेकिन कुछ लोगों को ये कानून पसंद नहीं आए। ये आजादी के 70 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बड़ा सुधार था। लेकिन सरकार बिलकुल भी निराश नहीं है। हम एक कदम पीछे हटे हैं, हम फिर आगे बढ़ेंगे, क्योंकि किसान भारत की रीढ़ हैं।’ इस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि यह सरकार का अहंकार है। अगर कृषि कानूनाें काे वापस लाया गया ताे किसान फिर अांदाेलन करेंगे अाैर उन्हंे फिर माफी मांगना पड़ेगी। 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनाें नए कृषि कानूनाें काे वापस लेने की घोषणा की थी।

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