Published on December 14, 2021 10:47 pm by MaiBihar Media
बिहार में धान की कटाई शुरू होते ही कृषि विभाग अलर्ट हो गया है और किसानों पर पैनी नजर रखी जाने लगी। ताकि वे पराली जलाने की आदतों को छोड़ सकें। ऐसे में नहीं मानने वाले किसान अब सरकार की नजर से बचकर नहीं निकल सकते हैं क्योंकि सरकार सेटलाइट से निगरानी करा रही है। राज्य मुख्यालय जिले के हर कोने की निगरानी में लगा हुआ है। कंट्रोल रूम ने जिला मुख्यालय को पराली जलने के चित्र और लोकेशन भेजने शुरू कर दिए हैं। इसके बाद जांच के उपरांत पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई भी होगी।
पराली जलाते पकड़े जाने पर कार्रवाई तय है। सरकार मुकदमा में नरमी बरतने का संदेश दे दी है लेकिन पराली जलाते पकड़े जाने आपको नुकसान होगा। किसान किसी भी प्रकार के लाभ से तीन साल तक के लिए वंचित कर दिए जाएंगे। गोपालगंज जिले में अभी तक सात किसानों को चिन्हित किया गया है। जिनके ऊपर जांच की कार्रवाई चल रही है।
इस बाबत डीएओ ने बताया कि सेटेलाइट के मैसेज के आधार पर पराली जलाने के आरोप में आधा दर्जन किसानों का जांच करते हुए अग्रेतर कार्रवाई के लिए कृषि निदेशक को पत्र प्रेषित किया गया है। छह अन्य मैसेज के सत्यापन के लिए जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि पराली जलने की घटनाओं पर अंतरिक्ष में मौजूद सेटेलाइट से नजर तो रखी ही जा रही है। स्थानीय स्तर पर कृषि विभाग, कर्मचारी, पुलिस विभाग समेत ग्राम पंचायतों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
फसलों के अवशेष को जलाने से पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ता है। पराली जलाने से राख पैदा होता है और उस जगह के सूक्ष्म जीवों का नाश हो जाता है। इससे फसलों की पैदावार कम हो जाती है और मिट्टी की गुणवत्ता प्रभावित होती है। हवा में उपस्थित धुएं से आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होती है। प्रदूषित कणों की वजह से अस्थमा और खांसी जैसी बीमारियों को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा निमोनिया और दिल की बीमारी जैसे रोग भी बढ़ जाते हैं।
दो एकड़ तक फसल अवशेष जलाने वालों से ढाई हजार रुपये जुर्माना वसूलने का प्रावधान है। पांच एकड़ तक पांच हजार रुपये व पांच एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में पराली जलाने पर दोषी व्यक्ति से 15 हजार रुपये जुर्माना वसूला जा सकता है। दोबारा पकड़े जाने पर संबंधित किसान को कृषि विभाग की योजनाओं के लाभ से हाथ धोना पड़ेगा। कर्मचारी सेटेलाइट से प्राप्त केस का सत्यापन कर कार्रवाई कर रहे हैं।