Published on December 7, 2021 10:26 pm by MaiBihar Media
कृषि कानूनाें की वापसी के बाद भी धरना जारी रखे किसानों और सरकार के बीच मुआवजे और केस वापसी काे लेकर लगभग सहमति बन गई है।खबर है कि संयुक्त किसान माेर्चा की सभी मांगाें काे लेकर सरकार कुछ हद तक राजी है। उसने मांगाें पर पांच बिंदुआओं का प्रस्ताव भेजा। इसमें आदाेलन खत्म हाेने पर मामले वापस लेने के साथ ही मुआवजा देने पर सैद्धांतिक सहमति दी गई है। इस पर किसान संगठनाें ने बैठक में विचार कर कुछ सुझाव भेजे हैं। सभी संगठनाें में आंदाेलन काे समाप्त करने पर सहमति बनी है। माना जा रहा है कि इसका औपचारिक कल यानी बुधवार काे हाे सकता है।
ये है प्रस्ताव :
- एमएसपी पर बनने वाली समिति में किसान संगठनाें की ओर से संयुक्त किसान माेर्चा के भी प्रतिनिधि शामिल किए जाएंगे।
- केस वापसी : यूपी, हरियाणा सरकार, भारत सरकार के विभाग और केंद्र शासित क्षेत्राें में केस वापसी की सहमति बन गई है। आंदाेलन वापस लेने के बाद केस वापस हाे जाएंगे।
- मुआवजे के लिए हरियाणा और यूपी सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दी है। पंजाब सरकार ने भी घाेषणा कर दी है।
- विद्युत बिलाें की माफी के विधेयक संसद में पेश करने से पहले सभी हितधारकाें से मत लिया जाएगा।
- पराली जलाने काे अपराध मानने से किसानाें काे छूट दी गई है।
किसान संयुक्त माेर्चा के बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा है कि सरकार ने आंदाेलन समाप्त करने के बाद किसानाें के विरुद्ध मामलाें की वापसी की शर्त रखी है, जिसे हम स्वीकार नहीं करेंगे। सरकार ने हमारी लंबित मांगाें के संबंध में प्रस्ताव भेजा है। जवाब में हमने कुछ सुझाव, आपत्तियां भेजी हैं। बुधवार काे माेर्चे की बैठक में आंदाेलन के बारे में फैसला करेंगे। किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने बताया है कि हमारी सभी मांगें सरकार ने मान ली हैं। हमें सरकार से मांगाें के संबंध में आश्वासन की चिट्ठी मिल गई है। इसके बाद सभी संगठन आंदाेलन समाप्त करने के संबंध में सहमत हाे गए हैं। अंतिम फैसले की घाेषणा बुधवार काे की जाएगी।