Published on November 29, 2021 10:13 pm by MaiBihar Media
लोकसभा और राज्यसभा के साथ ही आज यानी सोमवार को ही बिहार सदन का भी शीतकालिन सत्र का शुरुआत हुआ। दिवगंत नेताओं को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। वहीं, पटना मेट्रो को पटरी पर लाने की कसरत तेज हो गयी है। इसके लिए 1000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यही नहीं इंटर और स्नातक छात्राओं को छात्रवृत्ति का रास्ता भी साफ हो गया है। इसके लिए 1068.77 करोड़ दिये जाएंगे। विधानसभा में सोमवार को द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया गया। इसमें मेट्रो के लिए एक हजार करोड़ की मांग की गयी है। इसके अलावा बालिका इंटर प्रोत्साहन योजना के लिए 635.27 करोड़ और सात निश्चय अंतर्गत मुख्यमंत्री बालिका (स्नातक) प्रोत्साहन योजना के लिए 433.50 करोड़ का भी अलग से प्रावधान है।
उपमुख्यमंत्री ने पेश किया अनुपूरक बजट
विपक्ष के हंगामें के बीच बिहार विधानसभा सदन में 20531.82 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट आया। दो दिसंबर को सदन में इसपर मुहर लगेगी। इसके पहले बजट पर चर्चा होगी। सोमवार को विधानसभा में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बताया कि द्वितीय अनुपूरक बजट में वार्षिक स्कीम में 12120.83 करोड़, स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय मद में 8373.52 करोड़ और केन्द्रीय क्षेत्र स्कीम में 37.47 करोड़ का व्यय प्रस्तावित किया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के लिए 4441.71 करोड़ का प्रावधान है जबकि बालिका पोशाक योजना के लिए 123 करोड़ और मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना के लिए 54.72 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री प्रोत्साहन-छात्रवृत्ति योजना के लिए 61.95 करोड़ रुपए और मध्याह्न भोजन के लिए 235.31 करोड़ के अलावा विश्वविद्यालयों के विकास पर 149.30 करोड़ और माध्यमिक विद्यालयों के उन्नयन पर 91.47 करोड़ रुपए का व्यय होना है।
कृषि के लिए यह है प्रावधान
इसी तरह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 242.52 करोड़, त्वरित सिंचाई व बाढ़ प्रबंधन के लिए 150.91 करोड़, बाढ़ नियंत्रण के लिए 219.57 करोड़, सिंचाई सृजन परियोजनाओं के लिए 100.77 करोड़, प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) योजना के लिए 54.54 करोड़, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए 28.75 करोड़, पॉक्सो एक्ट के तहत फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के लिए 25.43 करोड़, गंगा उद्वह योजना के लिए 1035 करोड़, मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के लिए 550 करोड़, मुख्यमंत्री पेयजल योजना के लिए 500 करोड़, सड़कों-पुलों के लिए 400 करोड़, औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के लिए 150 करोड़, ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय के लिए 87.78 करोड़ का प्रावधान है।