Published on November 25, 2021 9:21 pm by MaiBihar Media
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ग्रेटर नोएडा के जेवर में भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट की नींव रखी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को उत्तरी भारत का लॉजिस्टिक गेटवे बताते हुए आज कहा कि इससे उत्तर प्रदेश को सात दशक बाद वह मिलना शुरू हुआ है जिसका वह हकदार रहा है। मोदी ने दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के भूमिपूजन एवं शिलान्यास के बाद कहा कि 21वीं सदी का नया भारत आज एक से बढ़कर एक बेहतरीन आधुनिक ढांचागत निर्माण कर रहा है। बेहतर सड़कें, बेहतर रेल नेटवर्क, बेहतर एयरपोर्ट ये सिर्फ ढांचागत परियोजनाएं ही नहीं होतीं बल्कि ये पूरे क्षेत्र का कायाकल्प कर देती हैं और लोगों का जीवन पूरी तरह से बदल देती हैं।
सितंबर 2024 अंत तक एक रनवे के साथ उड़ान सेवाएं होंगी प्रारंभ
गौरतलब हो कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शिलान्यास समारोह में पहुंचे पीएम मोदी ने पहले यहां पर एक प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इसके बाद उनका स्वागत यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया। उनके पहुंचने के साथ ही मंत्र उच्चारण भी शुरू हो गया। कार्यक्रम स्थल पर लोगों की भारी भीड़ पहुंची थी। इस एयरपोर्ट से सितंबर 2024 अंत तक एक रनवे के साथ उड़ान सेवाएं प्रारंभ हो सकती हैं। इस एयरपोर्ट का उद्घाटन कर प्रधानमंत्री ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया। संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा उत्तरी भारत का लॉजिस्टिक गेटवे बनेगा। ये इस पूरे क्षेत्र को राष्ट्रीय गतिशक्ति मास्टरप्लान का एक सशक्त प्रतिबिंब बनाएगा।
हवाईअड्डा कनेक्टिविटी के मामले में देश का अनूठा हवाईअड्डा होगा
उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे के निर्माण के दौरान रोजगार के हजारों अवसर बनते है। हवाई अड्डे को सुचारु रूप से चलाने के लिए भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों लोगों को नए रोजगार भी देगा। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे, मेट्रो, रेलवे, डीएफसी आदि के संपर्क से युक्त यह हवाईअड्डा कनेक्टिविटी के मामले में देश का अनूठा हवाईअड्डा होगा। श्री मोदी ने कहा, ‘‘पहले की सरकारों ने जिस उत्तर प्रदेश को अभाव और अंधकार में बनाए रखा, पहले की सरकारों ने जिस उत्तर प्रदेश को हमेशा झूठे सपने दिखाए, वही उत्तर प्रदेश आज राष्ट्रीय ही नहीं, अंतर्राष्ट्रीय छाप छोड़ रहा है।’’ उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में और केंद्र में पहले जो सरकारें रहीं, उन्होंने कैसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास को नजरअंदाज किया, उसका एक उदाहरण ये जेवर हवाईअड्डा भी है। दो दशक पहले राज्य की भाजपा सरकार ने इस परियोजना का सपना देखा था। लेकिन बाद में ये हवाईअड्डा अनेक वर्षों तक केन्द्र और लखनऊ में पहले जो सरकारें रहीं, उनकी खींचतान में उलझा रहा। उत्तर प्रदेश में पहले जो सरकार थी उसने तो बाकायदा चिट्ठी लिखकर, तब की केंद्र सरकार को कह दिया था कि इस हवाईअड्डे की परियोजना को बंद कर दिया जाए।
डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से हवाईअड्डे का सपना हुआ साकार
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मोदी और योगी भी चाहते तो 2017 में सरकार बनते ही यहां आकर फोटो ¨खचवा लेते, पर होता कुछ नहीं।’’ उन्होंने कहा कि पहले राजनीतिक लाभ के लिए ढांचागत परियोजनाओं की घोषणा होती थी। परियोजनाएं कैसे जमीन पर उतरें, उनके लिए धन का प्रबंध कैसे हो, दशकों तक तक ये उसी में अटकी रहती थीं। फिर बहानेबाजी शुरू होती थी। उन्होंने कहा कि ढांचागत विकास हमारे लिए राजनीति का नहीं बल्कि राष्ट्रनीति का हिस्सा है। हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि परियोजनाएं अटके नहीं, लटके नहीं, भटके नहीं। हम ये सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि तय समय के भीतर ही ढांचागत का काम पूरा किया जाए। अब डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से आज हम उसी हवाईअड्डे के भूमिपूजन के साक्षी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के सात दशक बाद, पहली बार उत्तर प्रदेश को वो मिलना शुरु हुआ है, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है। डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से, आज उत्तर प्रदेश देश के सबसे कनेक्टेड क्षेत्र में परिवर्तित हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस हवाईअड्डे से अलीगढ़, मथुरा, मेरठ, आगरा, बिजनौर, मुरादाबाद एवं बरेली में उद्योगों को बहुत लाभ होगा। खुर्जा के कलाकृतियां, मेरठ के खेल उत्पाद, सहारनपुर का फर्नीचर, मुरादाबाद का पीतल उद्योग, आगरा के जूता उद्योग एवं पेठा उद्योग को इस हवाईअड्डे के सहारे अंतरराष्ट्रीय बाजार में पंख पसारने में मदद मिलेगी।