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Published on November 16, 2021 10:54 pm by MaiBihar Media

मिट्टी के स्वास्थ्य की रक्षा दीर्घकालीन खेती के लिए आवश्यक है। जबकि किसानों के बीच रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग का ट्रेंड चरम सीमा पर हैं। किसानों में धारणा है कि किसी भी फसल में यूरिया एवं डीएपी के प्रयोग से अधिक पैदावार हासिल की जा सकती है। लेकिन, हकीकत यह है कि असंतुलित मात्रा में रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से मृदा का स्वास्थ्य खतरे में है। इसको लेकर बिहार में। मिट्टी जागरूकता अभियान चलाने की रणनीति बनाई गई है।बता दें कि यह जांच निःशुल्क होगा।

गांव की खेतों के भी जांच ताकि किसानों को होगा फायदा

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गौरतलब हो कि जानकारों का मानना है कि मिट्टी जांच के बाद उसकी प्रकृति के अनुरूप खाद के उपयोग के काफी अच्छे परिणाम सामने आ सकेंगे। ऐसे में किसानों को मिट्टी जांच के प्रति और संजीदा होने की जरूरत है। लिहाजा कृषि विभाग यह अभियान चला रहा है। अभियान को लेकर कृषि विभाग कहा गया है  कि मिट्टी जांच के लिए कृषि विभाग द्वारा मिट्टी जांच वाहन चलाया जा रहा है, जो सभी जिले के सुदूर गांवों में भ्रमण कर मिट्टी जांच कराने से होने वाले फायदे को किसानों के बीच जागरुक करेगा। साथ ही लाइव डेमो के माध्यम से मिट्टी जांच के फायदे से अवगत करायेगा।

इन पैमानों ले आधार पर जांच होगी मिट्टी की गुणवत्ता

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इतना ही नहीं विभाग द्वारा यह भी जानकारी दी गई है कि 12 पैरामीटर में मिट्टी का परीक्षण किया जाएगा।मिट्टी जांच के दौरान बारह पैरामीटर में मिट्टी परीक्षण किया जाएगा। जिसमें पीएच, ईसी, जैविक कार्बन, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश, सल्फर, जींक, बोरान, आयरन, मैग्निशियम तथा कॉपर प्रमुख है। कहा कि हर खेत को स्वस्थ खेत बनाना है। इसके लिए सभी किसानों को मिट्टी जांच कराना चाहिए ताकि मिट्टी की प्रकृति के अनुसार वे खाद का उपयोग कर बेहतर उपज पा सकें।

किसान अपने खेत की मिट्टी जांच के लिए कहाँ दें सूचना

आपको बता दें कि विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि इच्छुक किसान संबंधित पंचायत के किसान सलाहकार या कृषि समन्वयक से संपर्क कर निःशुल्क मिट्टी करा सकते हैं। विभाग द्वारा मिट्टी जांच कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जायेगा, जिसकी वैद्यता तीन वर्षों की होगी। किसान मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुशंसा के आधार पर आगामी फसलों में उर्वरक का प्रयोग कर सकते हैं। दरअसल आम किसान अब तक लाख जागरूकता के बावजूद मिट्टी जांच के महत्व की अनदेखी करते रहे हैं।

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