Published on November 7, 2021 8:42 pm by MaiBihar Media
किसानों की आय पर असर न पड़े इसका ख्याल रखते हुए सरकार ने धान अधिप्राप्ती की तिथि को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके लिए निबंधन की तिथि 15 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। अब किसानों को अब सस्ती दर पर धान नहीं बेचना पड़ेगा। धान बिक्री करने वाले रैयत व गैर रैयतों का निबंधन जारी है। धान खऱीद के लिए प्रति क्विंटल रेट भी तय किया गया है। ऐसे में समय रहते जो रैयत व गैर रैयत अब तक निबंधन नहीं कराये हैं वे अब भी करा सकते हैं।
जानकारी के मुताबिक धान खरीद के लिए दर निर्धारित कर दिया है। 1940 प्रति क्विंटल किसानों को रेट मिलेगा। पैक्सों को धान बेचने के साथ ही रुपये खाते में चला जाएगा। कार्यों में पारदर्शिता होगी तथा किसानों को 24 घंटे में धान का पैसा हर हाल में मिल जाएगा। इस साल अरवा नहीं उसना चावल पैक्सों को देना होगा। इसके लिए मिलों की संख्या बढ़ाये जाने का आदेश दिया गया है। उसना चावल पीडीएस से मिलने की सूचना से उपभोक्ता उत्साहित है। लोगों का कहना कि बिहार के लोग उसना चावल ही खाते है। पीडीएस से मिलने वाला अरवा चावल खाने लायक नहीं होता है। यही कारण है कि उसे बेचकर उसना लेना पड़ता है।
इधर, उसना चावल देने के नाम पर ही पैक्सों को ठंड में पसीना आ रहा है। इसके कई कारण बताएं जा रहे है। इस बाबत पैक्सों का कहना है उसना चावल की मिल कम संख्या में है। इसके कारण धान की कुटाई में लंबा समय लग सकता है। पहले मिलों की संख्या बढ़ायी जाय। इसके बाद नये नियम लागू की जाये। जिन पैक्सों के पास अरवा मिल है उसकी उपयोगिता समाप्त हो जाएगी। अरवा मिल को उसना में बदलने के लिए सरकारी स्तर पर पहल की जाये। अनुमान के अनुसार ज़िले में धान-चावल की प्रक्रिया में काली कमाई काफी है। इससे जुड़े विभाग अफसर से लेकर संबंधित लोगों को खुब काली कमाई होती है।
निबंधित किसानों से संबंधित धान पैक्सों को खरीदारी करनी होगी। इस बाबत जहानाबाद में डीसीओ ने बताया कि अब तक निर्धारित लक्ष्य से काफी कम किसानों ने धान बेचने के लिए निबंधन कराया है। हालांकि निबंधन का काम लगातार जारी है। उन्होने उम्मीद जताते हुए कहा कि समय पर सभी किसान अपना निबंधन करा लेंगे। इसके लिए संबंधित कर्मियों को निबंधन के काम में लगाया गया है। पैक्सों को भी निबंधन के काम में सहयोग के लिए कहा गया है ताकि किसानो को धान बेचने में कोई मुश्किल नहीं झेलनी पड़े।