Published on October 6, 2021 12:20 am by MaiBihar Media

उत्तर प्रदेश स्थित लखीमपुर खीरी की हिंसा सियासी तूल पकड़ने लगी है। विपक्षी दल लामबंद होने लगे हैं। इस बीच दो वीडियो सामने आया है, जिससे मंत्री के बेटे की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हिंसा में मारे चार में से एक किसान गुरविंदर सिंह के परिजन शव के दोबारा पोस्टमॉर्टम पर अड़ गए हैं। परिवार का आरोप है कि गुरविंदर की मौत गोली लगने से हुई है। जबकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं है। वहीं, बीकेयू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी कहा कि जिस पर गोली लगने का शक है, उसका पोस्टमॉर्टम प्रदेश के बाहर किया जाए। लिहाजा, विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने में जुटा हुआ है।

दोबारा पोस्टमॉर्टम के लिए एक किसान के परिजन अड़े

दरअसल, सोमवार को हिंसा में मारे गए चारों किसानों का पोस्टमॉर्टम किया गया था। इसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी किसान के शरीर में गोली लगने के निशान नहीं मिले हैं। मौत का कारण घायल होने के बाद अत्यधिक खून बहना या अन्य बताया है। इसके बाद तीन किसानों का तो मंगलवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेकिन गुरविंदर सिंह नामक एक किसान का अंतिम संस्कार नहीं किया गया।

उनके परिजनों की मांग है कि शव दिल्ली या पंजाब में दोबारा पोस्टमॉर्टम किया जाए। उनका कहना है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष को बचाने के लिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तैयार की गई।

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प्रियंका ने की परिजनों से बात, उधर राकेश टिकैत भी पहुंचे

परिजनों की दोबारा पोस्टमॉर्टम की मांग पूरी करने के लिए लखनऊ से डॉक्टरों की टीम हेलीकॉप्टर से बहराइच के मटेरा भेजी गई है। किसान नेता राकेश टिकैत भी बहराइच पहुंच गए हैं। साथ ही गोरखपुर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार को भी परिजनों से बात करने के लिए भेजा गया है। हालांकि इस बीच खबर यह आई है कि दोबारा पोस्टर्माटम यूपी में ही कराया गया है। वहीं, गुरविंदर सिंह के पिता सतविंदर से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने फोन पर बात की। प्रियंका ने शोक संवेदना जताते हुए कहा कि पार्टी उनके परिवार और सभी किसानों के साथ है।

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दो वीडियो आए सामने, मंत्री के बेटे की बढ़ी मुश्किलें

लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में मारे गए चार किसानों के मामले में दो वीडियो सामने आए हैं। एक वीडियो में किसानों के प्रदर्शन के बीच से सायरन बजाती गाड़ियों का काफिला निकल रहा है। इसमें थार गाड़ी सड़क पर खड़े कई किसानों को कुचलते हुए तेजी से निकलती है। इसके पीछे काले रंग की एक और गाड़ी जाती हुई नजर आती है। थार गाड़ी के पीछे केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी का पोस्टर भी लगा है।

दूसरे वीडियो में एक गाड़ी से कुछ लोग उतर कर भागते नजर आ रहे हैं। इनमें से एक के बारे में स्थानीय लोगों का दावा है कि वह केंद्रीय गृह राज्यमंत्री का बेटा आशीष है। इस मामले में आशीष ने कहा है कि जिन गाड़ियों ने किसानों को रौंदा, वह उसमें नहीं था, उसे ड्राइवर चला रहा था। घटना के वक्त वह दंगल में था।

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मंत्री क्या बोले- वहीं अजय मिश्रा ने सभी आरोपों को नकारा है। उन्होंने कहा कि कोई उनके बेटे आशीष के हिंसा वाले स्थान पर मौजूद होने का एक भी सबूत पेश करेगा, तो वे पद से इस्तीफा दे देंगे। टेनी ने कहा, ‘वीडियो में साफ है कि जिस ड्राइवर ने किसानों पर गाड़ी चढ़ाई, उसे भीड़ ने पीट-पीटकर मार दिया। इस हिसाब से यदि मेरे बेटे ने गाड़ी चढ़ाई होती तो वह मारा गया होता।’

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