Published on October 1, 2021 10:05 pm by MaiBihar Media

केंद्र सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल गई है। पोल खुलने के बाद जहां स्वास्थ्य मंत्री मीडिया के कैमरे से बचते हुए नजर आए हैं। वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य की इस दैनीय स्थिति पर बातचीत के लिए विशेष प्रेस वार्ता आयोजित करने वाले हैं। तेजस्वी यादव ने इसकी जानकारी खुद ट्वीट कर दिया है। तेजस्वी ने कहा है कोरोना हो या चमकी बुखार अस्पताल करना सर्जन डॉक्टर प्रदर्शन करते नजर आए है। विडंबना है किस राज्य की कहानी है जहां सरकार लगातार 16 वर्षों से सुशासन का राग अलाप रही है।

पार्टी कार्यालय में तीन अक्टूबर को तेजस्वी करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस – इस बाबत राजद के द्वारा जारी प्रेस रिलिज में बताया गया है कि तेजस्वी यादव पटना स्थित पार्टी कार्यालय में कोरोनावायरस सीजन में मची आपाधापी, ब्लैक में कई गुना वृद्धि हुई दवाई और इंजेक्शन, n95 मास्क, बिना पीपीई कीट को काम करने को मजबूर डॉक्टर समेत इन गंभीर मुद्दों पर तीन अक्टूबर को विशेष वार्ता में डॉक्टरों से बात करने वाले हैं

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स्वास्थ्य समस्याओं के तह तक पहुंचेंगे तेजस्वी यादव

राजद की ओर से प्रेस रिलीज जारी किया गया है, जिसमें बिहार के स्वास्थ्य विभाग के समस्याएं गिनाई गई है। इस से जुड़े कर्मियों और टेक्नीशियन की समस्याएं बताई गई है। साथ ही कहा गया है कि यह ऐसी समस्याएं हैं जिनसे आम नागरिक को सीधे प्रभावित करते हैं। इसलिए किसी भी संवेदनशील नेता या राजनीतिक दल के लिए आवश्यक यह है कि वह स्वास्थ्य विभाग के हर कमी नाकामी को सामने लाए और डॉक्टरों स्वस्थ कर्मियों और मरीजों की हर समस्या को समझते हुए उस के तह तक जाए।

सुविधाओं और समस्याओं पर करेंगे बात

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अंत में रिलिज में यह भी बताया गया है कि इन्हीं उद्देश्य के साथ नेता प्रतिपक्ष यादव ने बिहार के डॉक्टरों के साथ विचार-विमर्श के लिए 3 अक्टूबर का डेट निर्धारित किया है। इस दिन स्वास्थ्य सुविधाओं को कैसे जन-जन तक पहुंचाया जाए, सरकारी अस्पतालों को सुविधाओं को सुगमता पूर्वक बनाया जाए, निजी अस्पतालों तक किस प्रकार गरीब नागरिकों की पहुंच बनाया जाए, दवाओं और स्वास्थ संबंधित सेवाओं के मूल्य को किस प्रकार कम किया जाए। इन मुद्दों पर तेजस्वी डॉक्टरों से विस्तार से बात करेंगे। साथ ही यह भी जानेंगे कि बिहार मेडिकल विद्यार्थियों को बिहार में शिक्षा ग्रहण करने और नौकरी प्राप्त करने में किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बिहार के मेडिकल काले समय के साथ कितना आगे बढ़े हैं।

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