Published on October 3, 2021 12:42 am by MaiBihar Media
कोरोना के कारण बंद भारत-नेपाल सीमा से डेढ़ साल के बाद आवागमन शुरू कर दिया गया है। संक्रमण के दौरान दोनों देश की सरकार ने 24 मार्च 2020 को सीमा लॉक कर दिया था। हालांकि संक्रमण काबू में होने के फर्स्ट फेज के बाद ही भारत सरकार सीमा को खोल दिया गया था। इधर, शुक्रवार को स्वास्थ्य मापदंड के शर्तों के साथ नेपाल सरकार ने अपनी ओर से सिकटा समेत कई स्थानों की सीमा को खोल दिया है। बता दें कि सीमा खुलने से नेपाल के तराई इलाकों समेत भारतीय लोगों में काफी खुशी है क्योंकि नेपाल के साथ बेटी-रोटी का रिश्ता सदियो पुराना है। कई लोगों की रिश्तेदारी नेपाल में है तो कई लोग रोजगार के लिए वहां रोजाना आया जाया करते हैं।
नेपाल ने दी सीमा खोलने की जानकारी
मालूम हो कि भारत सरकार के तरफ से खोले गए सीमा के बाद नेपाल के पर्सा जिले के सीडीओने बताया है कि नेपाल सरकार के निर्देशानुसार सील की गई सीमा को स्वास्थ्य मापदंडों के शर्तों के साथ खोला गया है। वहीं भारतीय चार पहिया वाहनों को नेपाल आने के लिए भंसार कराना अनिवार्य कर दिया गया है। जबकि पैदल, साइकिल व बाइक से सीमा पार करने वालों के पास कोविड का जांच रिपोर्ट व कोविड वैक्सीन का सर्टिफिकेट होना आवश्यक है।
कोविड सर्टिफिकेट न होने पर नहीं मिलेगी जाने की अनुमति
नेपाल के अधिकारी ने यह भी बताया कि कागजात नहीं रहने पर नेपाल आने व जाने पर रोक रहेगी। नेपाल के भिस्वा में भंसार कार्यालय नहीं होने के कारण चार पहिया वाहनों को नेपाल जाने के लिए भंसार कराने के लिए वीरगंज जाना पड़ेगा। बता दें कि सीमा बेतिया और रक्सौल में पूरी तरह से खुल गई है। हालांकि, इस बाबत मधुबनी के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक इस तरह का कोई आदेश नहीं आया है। बता दें कि 18 माह 6 दिन के बाद आवागमन शुरू हो रहा है। लिहाजा, लोगों में खुशी की लहर है।