कटिहार के नल जल योजना में टेंडर की गड़बड़ी मामले में उपमुख्यमंत्री के नाम आने पर आज तेजस्वी यादव ने प्रेस वार्ता की। तेजस्वी ने न सिर्फ तारकिशोर के करनामें को उजागर किया बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी हमला बोला। इस दौरान तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर भी हमला बोला। तेजस्वी यादव ने इस 53 करोड़ के गड़बड़ी मामले में नीतीश कुमार के पूर्णरूप से संलिप्त होने का दावा किया। जिसके बाद खबर आई कि नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री से मुख्यमंत्री आवास पर मुलाकात की और पब्लिक फोरम में बात रखने को कहा है।
सुशील मोदी के कार्यकाल में हुई गड़बड़ी –तेजस्वी यादव
वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि यह गड़बड़ी अभी नहीं सुशील मोदी के कार्यकाल में हुई है, क्योंकि उस समय तारकिशोर प्रसाद कटिहार से सिर्फ विधायक थे, लिहाजा इस मामले से सुशील मोदी भी अवगत है, इसलिए इसके जिम्मेदार सुशील मोदी भी हैं। तेजस्वी के खुलासे के बाद नीतीश कुमार एक्शन में आ गए और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर को तलब करते हुए मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया।
नाराज मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री से मांगा जवाब
मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से मुलाकात की और साफ कहा कि अपने ऊपर लगे आरोपों पर पब्लिक फोरम में सफाई दीजिए। साथ ही लगे आरोपो पर अपनी बात रखिए। इतना ही नहीं जेडीयू के एक सिनीयर लीडर ने यह भी बताया है कि मुख्यमंत्री ने तारकिशोर को पब्लिक फोरम में सफाई देने के लिए भाजपा को भी हस्तक्षेप करने को भी कहा है। साथ ही मामले में जवाब भी मांगा है। जेडीयू नेता ने बताया है कि इस मामले में नीतीश कुमार काफी नाराज हैं। बहरहाल, देखना होगा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के मुलाकात के बाद सरकार की ओर से क्या कुछ साफाई आती है या आगे की मामले में क्या कार्रवाई होती है।
तेजस्वी के वार्ता की वो बातें जिसपर मुख्यमंत्री ने लिया एक्शन
गौरलब हो कि इस तमाम घटनाक्रम के पहले आज यानी गुरुवार के तेजस्वी यादव ने अपने आवास पर करीब दो बजे प्रेस वार्ता आयोजित की और कहा कि “ नीतीश कुमार जी का “हर घर नल जल” योजना दरअसल निजी धनोपार्जन योजना बन गया है। इस योजना ने भ्रष्टाचार की सारी पराकाष्ठा पार कर दी है। उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद जी ने अपनी बहु, दामाद और साले को कटिहार में ठेका दिया। यह “नल जल योजना” नहीं बल्कि “नल धन योजना” बन चुकी है। भले ही नल जल योजना में धरातल पर आजतक ग़रीबों को नल से जल नहीं मिला लेकिन सत्ताधारी दलों के मंत्री, विधायक, नेताओं के लिए ये ‘नल धन योजना’ ज़रूर बन गया। काग़ज पर नल खोलो और अपनी तिजोरी भरो।
पानी टंकी का ढहना, पाइप, नल इत्यादि का उखड़ना हरेक पंचायत/वार्ड की कहानी है। हमारी पार्टी की ओर से इस संदर्भ में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फ़रवरी 2021 में पत्र भी लिखा गया था लेकिन हमेशा की भाँति मुख्यमंत्री जी ने कोई कारवाई नहीं की। हमारी पार्टी की कटिहार जिला इकाई ने अगस्त 2020 में ही इस घोटाले का पर्दाफ़ाश और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर की संलिप्तता की जाँच की माँग की थी।जीवनश्री इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और दीपकिरण इंफ्रास्ट्रक्टर प्राइवेट लिमिटेड दोनों कम्पनी के Director उपमुख्यमंत्री के साले और दामाद शामिल है। इन दोनों कंपनियों को 48 करोड़ और 3 करोड 60 लाख का काम दिया गया है। कंपनियों के रजिस्टर्ड पते पर है कंपनी का कोई साइनबोर्ड नहीं है। सब हवा हवाई है।
ठेका देने से पहले इन कंपनियों को किसी भी तरह के सरकारी काम करने को लेकर कोई अनुभव नहीं है पीडब्लूडी नियमावली के अनुसार ऐसी किसी अनुभवहीन कंपनी को काम नहीं दिया जा सकता है।उपमुख्यमंत्री के साले की कंपनी दीपकिरण इंफ्रास्ट्रक्टर प्राइवेट लिमिटेड के वर्ष 2019 और 2020 की ऑडिट रिपोर्ट में ही कहीं भी किसी भी तरह के सरकारी कामकाज करने का जिक्र नहीं है। जब कंपनी को सरकारी काम करने का अनुभव ही नहीं है तो फिर किस आधार पर फ़र्ज़ी कंपनी को सरकारी ठेका दिया गया? यह महत्वपूर्ण सवाल है।
मुख्यमंत्री “ज़ीरो टॉलरन्स” की केवल मुँह ज़ुबानी बात करते है लेकिन दस्तावेज़ों में भ्रष्टाचारियों को “Hundred पर्सेंट Acceptance”, “Hundred पर्सेंट Protection”, “Hundred पर्सेंट Participation, “Hundred पर्सेंट Association” और “Hundred पर्सेंट Affiliation” देते है। बिहार में इनके कार्यकाल में हुए 70 से अधिक घोटाले इस बात को साबित करते है।मुख्यमंत्री दिखावे के लिए “भ्रष्टाचार पर शुचिता” की बात करते है लेकिन असलियत में वो “भ्रष्टाचार पर सुविधा” के पैरोकार है। 70 घोटाले इस बात की साक्ष्य सहित पुष्टि करते है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ’हर घर नल का जल’ योजना तो सिर्फ़ दिखावा है। मुख्यमंत्री की इस महात्वाकांक्षी योजना का असल उद्देश्य और वास्तविक नाम तो “हर जेडीयू-बीजेपी नेता के घर भ्रष्टाचार का धन” है।”