Published on September 20, 2021 7:56 am by MaiBihar Media

नवादा में झारखंड के झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन कर लोगों ने उनके विवादित बयान का विरोध जताया। यह विरोध-प्रदर्शन मगही मगध नागरिक संघ के बैनर तले रविवार को किया गया। इसके उपरांत जोराबागन क्रॉसिंग के पास उपस्थित लोगों को संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संबोधित किया और हेमंत सोरेन के विवादित बयान को निंदनिय करार दिया।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा मगध और मगही के सम्मान की कीमत पर कुछ भी स्वीकार नहीं, मगध की माटी और इसके भाषा का इतिहास बहुत ही पुरानी और ऐतिहासिक विरासत का मालिक रहा है। भगवान बुद्ध का स्नेह औ आशीर्वाद प्राप्त है। सम्राट जरासंध, अशोक जैसे महाप्रतापी अपने ख़ून से इस माटी को सींचे है। इन सब की भाषा मगही ही रही है। ऐसे महापुरुषों की भाषा का अपमान झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की है जो सरा सर निन्दनीय है।

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आगे संघ के अध्यक्ष ने कहा कि मुझे लगता है मुख्यमंत्री को भाषा सम्बंधित ज्ञान और सोच छोटी है तभी तो उन्होंने मगही को बाहरी और दमन कारियों की भाषा बता कर करोड़ों मगही भाषी के भावनाओं से खिलवाड़ करने की कोशिश की है। जो कही से जायज नही ठहराया जा सकता। इसलिए मगही मगध नागरिक संघ उन्हें अपमानजनक टिप्पणी को वापस ले नही तो व्यापक आन्दोलन संघ करेगा।

वहीं, मौके पर मौजूद संघ के महासचिव उदय शर्मा ने कहा 2000 साल मे झारखंड बिहार से अलग हुआ है तो फिर मगही बाहरी भाषा कैसे हो सकता है। राज्य भारत का ही अंग है मुख्यमंत्री का फुट डालो राज करो वाला नीति नही चलेगा। उपदेष्टा अर्जुन वर्मा ने कहा इस तरह के बयान से आपसी सौहार्द बिगड़ने का प्रयास किया जा रहा है जो उचित नही है। नवादा में प्रर्दशन के दौरान उपाध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा ने कहा मुख्यमंत्री का टिप्पणी सरा सर गलत है हमलोग इसे बर्दाश्त नही करेंगे उन्हें माफी मांगनी चाहिए।

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