Published on August 30, 2021 11:25 pm by MaiBihar Media
आज बाबा हरभजन सिंह (Baba Harbhajan Singh) का 75 वां जन्मदिन हैं। बाबा हरभजन सिंह का जन्म 30 अगस्त 1946 में पंजाब के सरदाना गांव (जो अब पाकिस्तान में है ) के एक सिख परिवार में हुआ था। बाबा हरभजन की मृत्यु 1968 में भारत चीन के अंतरास्ट्रीय बॉर्डर नाथुला पर ड्यूटी के दौरान हुई थी जब वे 22 वर्ष के थे। ऐसी मान्यता है की वो आज भी पूर्वी सिक्किम में भारत-चीन की सीमा नाथुला बॉर्डर पर अपनी ड्यूटी पर करते हैं। भारतीय और चीनी दोनों तरफ की सेना उनकी पूजा करती है।
नाथुला (Nathula) के आर्मी ऑफिसर्स द्वारा बताये गए तथ्यों के अनुसार इंडियन आर्मी के जावान आज भी बाबा की उपस्थिति महसूस करते हैं। उनका कहना है की बाबा आज भी उस अंतरास्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करते है। 3 दिन पहले ही किसी अनहोनी घटना या हमले की सुचना आर्मी ऑफिसर्स को कर देते हैं। भारत और चीन के बीच परम्परागत फ्लैग मीटिंग में चीन की सेना के द्वारा एक खाली कुर्सी लगाई जाती है जो बाबा हरभजन के लिए होती है। बाबा के मंदिर में तीन कमरें हैं – बाबा का ऑफिस, स्टोर रूम और लिविंग रूम। उनके लिविंग रूम में उनकी जरुरत की सभी चीजें जैसे बिछावन, जूतें, चप्पल, पानी बोतल, इस्तरी की हुई यूनिफार्म, छाता इत्यादि रखे हुए हैं।
उनके कमरों की हर दिन सुबह में सफाई होती है। कई बार ऐसा हुआ जब बाबा के विछावन की चादर सिकुड़ी हुई थी जैसे रात में कोई उसपर सोया था, और उनके जूतों में कीचड़ लगी हुई थी जैसे उसे पहन कर बाहर गया हो। कई बार वहाँ की सैनिकों ने महसूस किया की बाबा वहाँ के कैंप और पोस्ट का भ्रमण करते हैं।
आज भी बाबा को मेजर रैंक की सैलरी मिलती है और साल में दो महीने की छुट्टी। हर साल 11 सितम्बर को उनका सामान ट्रेन द्वारा उनके शहर भेजा जाता है। ट्रेन नई जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन से छूटती है। उसमे एक बर्थ बाबा के लिए आरक्षित होता जो उनके शहर तक उनके सामान के साथ खाली जाता है। सेना की एक टीम भी उनके साथ यात्रा करती है। जब बाबा छुट्टी पर होते हैं तो बॉर्डर पर सेना को ज्यादा सावधान की अवस्था रखा जाता है।