Published on August 24, 2021 10:57 pm by MaiBihar Media

उत्तर प्रदेश के मऊ स्थित घोसी से बसपा सांसद पर दुष्कर्म पीड़िता की मौत हो गई है। मालूम हो कि सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली युवती ने गत 16 अगस्त की सुबह अपने साथी के साथ सुप्रीम कोर्ट के सामने सोशल मीडिया लाइव करते हुए आग लगा लिया था। तब दोनों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। युवती ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया। वहीं, इससे पहले उसके साथी व केस के गवाह की पहले ही मौत हो चुकी है। उसने शनिवार को ही दम तोड़ दिया था।

गौरतलब हो कि पीड़िता ने अपने केस को इलाहाबाद से दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखी थी। जिसको लेकर उसने सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो में पुलिस और प्रशासन पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। युवती का साथी और गवाह गाजीपुर का रहने वाला था। आत्मदाह के पहले दोनों ने कहा था कि वह सरकारी तंत्र से प्रताड़ित होने से निराश हैं। पीड़िता ने कहा कि अतुल राय ने अपने रसूख का इस्तेमाल करके उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कराया। पीड़िता के दोस्त ने उस वीडियो में कहा कि उन लोगों ने पैसों के प्रलोभन को त्याग कर, भूखे-प्यासे रहकर अतुल राय के खिलाफ कानूनी लड़ाई को कायम रखा था, ताकि कानून और पुलिस व्यवस्था में लोगों का विश्वास बढ़े। यदि उन्हें भी राजनैतिक संरक्षण होता तो शायद उन इस कदर परेशान नहीं होना पड़ता।

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क्या है मामला

लोकसभा चुनाव के दौरान 1 मई 2019 को बलिया की रहने वाली पीड़िता ने वाराणसी के लंका थाने में तत्कालीन लोकसभा घोसी से बसपा उम्मीदवार अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि अतुल राय ने 7 मार्च 2018 को उसे लंका स्थित अपने फ्लैट में अपनी पत्नी से मिलाने के बहाने बुलाया और दुष्कर्म किया। उसका अश्लील वीडियो भी बना लिया। गिरफ्तारी से बचने के लिए अतुल राय अंडरग्राउंड हो गए। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान छिपते फिर रहे थे। हालांकि इस मामले पर सांसद अतुल राय ने ब्लैकमेल करने सहित कई आरोप लगाए थे। जिसके बाद पीड़िता के खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया था। यह वारंट वाराणसी की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने किया था। अदालत ने यह आदेश दो अगस्त को वाराणसी कमिश्नरेट की कैंट पुलिस की ओर से दिए गए प्रार्थना-पत्र पर सुनवाई के बाद दिया था।

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