Published on August 23, 2021 9:29 pm by MaiBihar Media
नवादा के रजौली प्रखंड क्षेत्र में बहनो ने भाइयों के कलाई पर राखी बांंध सुरक्षा का वचन लिया। लोमष ऋषि पहाड़ पर लगे मेले का लोगों ने भरपूर लुफ्त उठाया। रविवार को सावन की पूर्णिमा पर भाई बहनों का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन मनाया गया। पूरे क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ को सावन के अंतिम दिन पर जलाभिषेक – रुद्राभिषेक की। दूसरी ओर बहनें अपने भाइयों की कलाइयों पर रक्षासूत्र राखी बांध कर अपनी रक्षा का वचन भाइयों से ली। दोपहर में मुहूर्त होने की वजह से सुबह भाइयों की कलाई में राखी देखने नहीं मिली, लेकिन साढ़े नौ बजे से दोपहर तक ज्यादातर लोगों ने कलाई में राखी बंधवाई, बहनों ने तिलक वंदन किया। मिठाई खिलाई और भाइयों से उपहार लिया।
पर्व की वजह से आम दिनों की तरह सड़कों पर ज्यादा आवाजाही नहीं देखी गई, सड़कें सुनी रहीं। वहीं महिलाओं को भाइयों के घर, तो भाइयों को बहनों के घर आते-जाते देखा गया। घरों में छोटे बच्चों ने भी रक्षा बंधन पर्व का भरपूर आनंद लिया। ज्योतिषाचार्य पंडित वेद मूर्ति शास्त्री जी के अनुसार रक्षाबंधन पर पूर्णिमा व श्रावण नक्षत्र पड़ने से अमृत योग व सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा था। दरअसल भाद्रपद के दौरान राखी नहीं बांधी जाती है।राखी भाई-बहन, गुरु-शिष्य, प्रकृति और मनुष्य के मध्य तारतम्य स्थापित कर सक्षम और समर्थ से अबला और कमजोर की सुरक्षा के संकल्प का त्योहार है।
धार्मिक मान्यता है कि माता लक्ष्मी ने भी पाताल लोक जाकर राजा बलि को राखी बांधकर उन्हें भाई बनाया था। बताते चलें कि रक्षाबंधन पर्व पर भाई बहनों से राखी बंंधवाने के बाद लोमष ऋषी पहाड़ी पर पूजा-अर्चना करने जाते रहे हैं। मुख्य सड़क से 4 किलोमीटर यात्रा हेतु रिक्शा एवं मोटरसाइकिलों का जमावड़ा लगा रहा। लोमष ऋषि पहाड़ पर मेले का आयोजन होता है। जिसका बच्चे व बड़े आनंद उठाते नजर आए। पिछले साल कोरोना के कारण मेले का आयोजन नहीं किया जा सका था। जबकि इसबार पहाड़ी पर हजारों की संख्या में लोग चढ़ाई कर पूजा-अर्चना की। दर्जनों गांवों से आये लोगों ने मेला में रहे झूला,चाट,जलेबी,समोसे,आइसक्रीम आदि का स्वाद चखा। कई लोगों ने परिवार समेत पहाड़ के समीप पिकनिक मनाया। ज्योतिषाचार्य पंडित वेद मूर्ति शास्त्री जी के मुताबिक रक्षाबंधन का यह पर्व सर्वार्थ- सिद्धि योग एवं आयुषमान योग की संधि में मनाया गया है।