Published on August 23, 2021 10:55 am by MaiBihar Media
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के सभी दस दलों के प्रतिनिधि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने जाएंगे। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल जातीय जनगणना की मांग के मुद्दे पर अपनी बात प्रधानमंत्री के समक्ष रखेगा। जानकारी के मुताबिक यह प्रतिनिधिमंडल सोमवार को यानी 23 अगस्त को दिन में 11 बजे पीएम से मिलेगा। कल देर शाम मुख्यमंत्री नीतीश भी दिल्ली के लिए रवाना हुए। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पत्रकारों ने उनसे पूछा गया था कि ‘क्या बिहार के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के आग्रह पर केंद्र सरकार जातीय जनगणना कराने को तैयार हो जाएगी?’ उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना कराने के बारे में फैसला केंद्र सरकार को करना है। हम चाहते हैं कि यह कम से कम एक बार जरूर हो। यह सबके लिए जरूरी है। इससे सबका भला होना है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग दिल्ली पहुंच चुके हैं। कुछ लोग रविवार को पहुंचेंगे। हमलोग शुरू से ही जातीय जनगणना को लेकर अपनी बात कहते रहे हैं। यह हो जाता है तो अच्छी बात होगी। बिहार ही नहीं, पूरे देश में लोग इसके बारे में सोचते हैं। इसी दृष्टिकोण को लेकर हमलोग अपनी बात को रखेंगे। मालूम हो कि मुलाकात में भाजपा के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। हालांकि जातिगत जनगणना नहीं कराने के पक्ष में भाजपा का मत है। बता दें कि बिहार विधानमंडल में दस राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में सभी दलों के नेताओं को शामिल किया गया है।
पीएम से मिलने वालों में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के अलावा जदयू के विजय कुमार चौधरी, भाजपा के जनक राम, हम के जीतन राम मांझी, वीआईपी के मुकेश सहनी, कांग्रेस के अजीत शर्मा, माले के महबूब आलम, एआईएमआईएम के अख्तरुल इमान, सीपीएम के अजय कुमार, सीपीआई के सूर्यकांत पासवान शामिल हैं। जातिगत जनगणना के पक्ष में नहीं रहने के बावजूद भी भाजपा के एक प्रतिनिधि जनक राम इस मुलाकात में मौजूद रहेंग। शुक्रवार को भाजपा ने उनके नाम पर मुहर लगाया। पहले कयास लगाया जा रहा था कि भाजपा की ओर से कोई शामिल नहीं होगा। क्योंकि एनडीए द्वारा दो बार सदन में जाति अधारित गणना की मंजूरी मिलने के बाद भी भाजपा पार्टी जातिगत जनगणना के पक्ष में नहीं थी। लिहाजा, प्रतिनिधिमंडल में भाजपा ने सबसे अंत में अपने प्रतिनिधि का नाम दिया है। ऐसे में सभी को इंतजार है कि प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद केंद्र सरकार क्या निर्णय लेता है।