Published on August 19, 2021 2:51 pm by MaiBihar Media
तालिबान ने काबुल पर कब्जा के साथ वहां के एयरपोर्ट पर भी तैनाती कड़ी कर दी है और निगरानी के लिए चेकपोस्ट बनाया गया है। यानी पूरी तरह से तालिबान ने दूसरे देश जाने की कोशिश कर रहे लोगों पर सख्ती शुरू कर दी है। एयरपोर्ट जाने वाले लोगों को रोका जा रहा है। दस्तावेज चेक किए जा रहे हैं। एक व्यक्ति ने यह भी कहा है कि तालिबान सरकार बनाकर लोगों को जासूस घोषित कर मार डालेगा। इससे अच्छा है कि दस्तावेज जला दिये जाय। हालिया सच्चाई यह है, विदेशी सरकारों के साथ काम कर रहे लोग किसी भी सूरत में अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं। यही वजह है कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार के साथ काम कर रहे लोगों को लाने के लिए भेजा गया विमान बुधवार को महज 26 लोगों के साथ लौटा। जबकि सैकड़ों लोग अपने देश वापस जाना चाहते थे।
और तो और हद तब हो गयी जब ऑस्ट्रेलिया द्वारा भेजा गया विमान काबुल एयरपोर्ट अपने लोगों को लेने पहुंचा तो तालिबान ने ऑस्ट्रेलिया सेना के विमान में चढ़ने के लिए लाइन में लगे एक इंटरप्रेटर को काबुल एयरपोर्ट के मुख्यद्वार पर गोली मारी। गोली पैर में लगी। इंटरप्रेटर को अस्पताल ले जाया गया। उसने बताया कि मुख्य द्वार पर 100 से ज्यादा लोग अंदर जाने की जुगत में थे। इस बीच तालिबानी ने गोली चला दी।
वहीं, एक निजी मीडिया से बात करते हुए नाम न छापने की शर्त पर ऑस्ट्रेलिया की फौज के साथ काम करने वाले अफगान इंटरप्रेटर ने बताया, बेहतर है कि ऑस्ट्रेलिया सेना उसे मार दे, क्योंकि वह तालिबान के हाथों अपनी गर्दन नहीं कटवाना चाहता। वह परिवार के साथ दूसरे इलाके में चला गया है। कागजात जला डाले हैं। उसे डर है कि तालिबान की स्थानीय इंटेलिजेंस इतनी तेज है कि वह देर-सबेर हर उस शख्स का पता कर लेगी, जिन्होंने लड़ाई में विदेशी सेना का साथ दिया। आशंका यह भी है कि सरकार को मान्यता मिलने के बाद तालिबान इन सभी नागरिकों पर जासूसी और देशद्रोह का मुकदमा कर मौत की सजा दे दे।