Published on August 18, 2021 1:50 pm by MaiBihar Media

तालिबानियों द्वारा काबूल पर कब्जा के बाद जो भी तस्वीरें दुनिया के सामने अफगान की आ रही है। सभी को हैरत में डाल देने वाली है। आम लोगों में जान बचाने की होड़ है और वे किसी भी तरह से वहां से भाग निकलना चाहते हैं। हालांकि अब खबर आ रही है कि अफगानिस्तान में भारी दहशत और अराजकता के बीच तालिबान ने सभी के लिए ‘आम माफी’ का ऐलान किया है। इसके साथ ही महिलाओं से सरकार में शामिल होने की अपील की है। लेकिन बार-बार अपने ही बयान से मुकर जाने वाले तालिबानियों पर लोग कितना भरोसा करेंगे यह अफगानिस्तान व पूरे दुनिया के लोग जानते हैं। दूसरी ओर सत्ता परिवर्तन से महिलाओं में निराशा है, क्योंकि पहले महिलाओं को पढ़ाई और काम करने से रोका जा चुका है। तालिबान महिलाओं को बर्बर तरीके से सजा देने के लिए भी कुख्यात है। इस बीच खबर यह भी आ रही है कि सोशल मीडिया ने तालिबान से संबंधित कंटेट पर बैन भी लगा दिए गए हैं।

बहरहाल, इस्लामी अमीरात संस्कृति आयुक्त के सदस्य इनामुल्लाह समनगनी ने मंगलवार को अफगान के सरकारी टीवी पर यह अपील की। तालिबान के कब्जे वाले टीवी चैनल पर समनगनी ने कहा, “इस्लामी अमीरात ऑफ अफगानिस्तान’ नहीं चाहता कि महिलाएं पीड़ित हों। सरकार का ढांचा पूरी तरह से साफ नहीं है, लेकिन हमारे तजुर्बे के आधार पर, इसमें पूर्ण इस्लामी नेतृत्व होना चाहिए और सभी पक्षों को इसमें शामिल करना चाहिए। वहीं, सोशल मीडिया बैन पर यह जानकारी मिली है कि सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने बताया है कि उसने तालिबान और इससे जुड़ी सामग्रियों को अपने सभी प्लेटफॉर्म पर बैन कर दिया है। अमेरिकी कानून के तहत तालिबान आतंकी संगठन है। फेसबुक ने बताया है कि उसके पास अफगान विशेषज्ञों की टीम है। यह इस संगठन से जुड़ी सामग्री पर नजर रखती है और उसे हटाती है। फेसबुक के मुताबिक, उसकी यह नीति इंस्टाग्राम और वॉट्सएप पर भी लागू होती है।

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उधर, अफगानिस्तान की पहली महिला मेयर जरीफा गाफरी ने तालिबान को कड़ी चुनौती दी है। देश पर कब्जे के बाद जरीफा ने कहा, ‘मैं इंतजार कर रही हूं कि तालिबान आए और मुझे व मेरे जैसे अन्य लोगों को मार डाले।’ राष्ट्रपति अशरफगनी के देश छोड़कर भागने पर 27 वर्षीय जरीफा ने कहा, ‘मैं कहां जाऊं। मैं अपने परिवार और पति के साथ यहीं बैठी हूं। मेरी और मेरी परिवार की मदद करने वाला नहीं है। मैं उनके आने का इंतजार कर रही हूं। जरीफा 2018 में अफगानिस्तान के मैदान वारदक की पहली महिला मेयर चुनी गई थीं। वे देश की सबसे युवा मेयर हैं। पहले भी उन्हें तालिबान से हत्या की धमकी मिल चुकी है और तीन बार उन पर हमला हो चुका है। हालांकि उनके पिता जनरल अब्दुल वासी गाफरी को पिछले साल 15 नवंबर को आतंकियों ने मार दिया था। इस बीच, तालिबान ने कहा है कि वे पिछली सरकार के कर्मचारियों और लोगों से बदला नहीं लेंगे, लेकिन तालिबान के पिछले शासन को देखते हुए लोग उस पर विश्वास नहीं कर रहे।

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