Published on August 12, 2021 2:44 pm by MaiBihar Media
उत्तर प्रदेश चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है। कोर्ट ने प्रयागराज की कैंट थाना पुलिस को आदेश दिए हैं कि वो केशव मौर्य के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की प्रारंभिक जांच करें और कोर्ट में रिपोर्ट पेश करें।
दरअसल, बुधवार यानी 11 अगस्त को प्रयागराज की एसीजेएम कोर्ट ने केशव प्रसाद मोर्य के कथित फर्जी डिग्री मामले में जांच के आदेश जारी कर दिए है। जिसके बाद पुलिस उपमुख्यमंत्री की डिग्री को जांच करेगी। प्रयागराज की अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नम्रता सिंह ने कहा है कि पुलिस की रिपोर्ट पर 25 अगस्त को फिर से सुनवाई होगी।
मालूम हो कि केशव मौर्य के खिलाफ ये कार्रवाई बीजेपी के ही सीनियर नेता और आरटीआई एक्टिविस्ट दिवाकर नाथ त्रिपाठी की पहल पर हुई है। दिवाकर के वकील उमाशंकर चतुर्वेदी ने कोर्ट में कहा था कि 2007 में प्रयागराज पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से केशव प्रसाद मौर्य ने चुनाव लड़ा था। इसके अलावा भी उन्होंने कई चुनाव लड़े हैं।
इन चुनवों में शैक्षिक प्रमाण पत्रों के तौर पर उन्होंने हिंदू साहित्य सम्मेलन की ओर से जारी प्रथमा, द्वितीया आदि की डिग्री लगाई है। दिवाकर के वकील का दावा है कि ये डिग्री मान्य नहीं है। ये डिग्री पूरी तरह से फर्जी हैं। केशव मौर्य पर ये आरोप भी लगाए गए हैं कि उन्होंने फर्जी शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्रों के आधार पर ही पेट्रोल पंप भी अलॉट कराया है।