Published on August 10, 2021 2:16 pm by MaiBihar Media
बिहार में संचालित नीतीश सरकार के कार्यालय में एक बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है, तीन साल से बिहार को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना के लिए एक भी आवेदन नहीं मिला है। अधिकारी इसे “नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के साथ तकनीकी मुद्दों” पर दोष देते हैं। लेकिन एससी/एसटी छात्र यह समझने में असमर्थ हैं कि इसे तीन वर्षों में क्यों नहीं सुलझाया गया है, और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्य इस योजना का लाभ प्रदान करने में बहुत अच्छा कार्य कर रहे है। खैर, राज्य में अनुसूचित जाति की आबादी 16% और अनुसूचित जनजाति की 1% है। ऐसे में अनुमानित 5 लाख छात्र हर साल इस छात्रवृत्ति के लिए पात्र हैं। बिहार के एससी / एसटी छात्रों को अब छह साल के लिए इस छात्रवृत्ति से वंचित कर दिया गया है। आपको बता दें कि इसका खुलासा द इंडिया एक्सप्रेस ने किया। जिसको लेकर नेता प्रति पक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश को दोषी करार दिया है।
तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर लिखा है कि, नीतीश सरकार ने विगत 5 वर्षों से SC/ST वर्गों की स्कॉलरशिप बंद कर लाखों गरीब छात्रों का भविष्य बर्बाद कर दिया है। मुख्यमंत्री जी से पूछिएगा तो वह पूर्णत: अनभिज्ञता प्रकट करेंगे। बाक़ी प्रदेशों में केंद्र समर्थित यह स्कॉलरशिप कैसे मिल रही है?
CM की काल-कोठरी के अधिकारी मानसिक रूप से वंचित वर्गों और उनके कल्याण संबंधित योजनाओं व उनके क्रियान्वयन के धुर-विरोधी है। अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण विभाग बिहार, छात्रवृति बाँटने का नोडल विभाग है।
2017 में मेरे उपमुख्यमंत्री रहते पिछड़ा/अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मेरे अधीन था जिसके नोडल SC/ST विभाग के अधिकारी मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों के निर्देश पर वंचित वर्गों के छात्रों को स्कॉलरशिप देने में अड़चनें पैदा कर रहे थे लेकिन मेरी पहल पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में इस संबंध में बैठक भी हुई जिसमें सकारात्मक निर्णय लिए गए लेकिन उसके बाद हमारे सरकार से जाते ही उन अधिकारियों का मनमाना खेल फिर शुरु हुआ और आज तक गरीब ज़रूरतमंदो छात्रों को वो छात्रवृत्तियां प्रदान नहीं की जा सकी है।
मुख्यमंत्री जी को पोर्टल संबंधित तकनीकी ज्ञान नहीं है शायद यही कारण है कि अधिकारी उन्हें सच्चाई से रूबरू नहीं कराते और स्कॉलरशिप नहीं देने के बहाने तलाशते रहते है। हम अधिकारियों से अधिक दोषी मुख्यमंत्री जी को मानते है। हमारी माँग की अविलंब छात्रवृत्ति का पैसा गरीब छात्रों में बाँटा जाए।