Published on August 24, 2021 4:12 pm by MaiBihar Media
विगत दिनों हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार के दौरान जदयू से मंत्रिमंडल में सिर्फ़ एक मंत्री को शामिल किया गया और दो फाड़ हुई लोजपा कोटे से एक को मंत्री बनाया गया। जिसको लेकर अब बिहार में सियासत गरमाई हुई है। एक तरफ़ जहाँ जदयू में अंततः कलह शुरु हो गई है। वहीं, लोजपा के असली उत्तराधिकारी बताने वाले चिराग से लगातार राजद नेताओं की मुलाकात ने सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है। जदयू में पार्टी के अंदर नीतीश कुमार के बातों को नजरअंदाज करने जैसी बातें सामने आ रही। मोदी के पहले कार्यकाल में एक मंत्री पद को इंकार करने वाली जदयू ने इसबार एक ही मंत्री बनने के प्रस्ताव को स्वीकार करना महंगा पड़ रहा है।
खबर है कि जदयू के वरिष्ठ नेता व सांसद ललन सिंह के बयान पर कई अलग-अलग बाते कहीं जा रही है। दरअसल, मुंगेर से सांसद ललन सिंह का नाम मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर जोरो पर था। लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। अब इस मामले में सांसद ललन सिंह ने चुप्पी तोड़ी है और अंदर की बात कही है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में शामिल होने का फ़ैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र सिंह का है। आरसीपी सिंह को सीएम नीतीश कुमार और पार्टी ने अधिकृत किया था। उनके पास केंद्र से जो प्रस्ताव आया उसके आधार पर उन्होंने फ़ैसला लिया है। बड़ा सवाल खड़ा कर दया है कि क्या आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार की इजाज़त के बिना ख़ुद को मंत्रिमंडल में शामिल होने का फ़ैसला किया। इसको लेकर नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के बीच दूरियाँ बढ़ने की बात सामने आ रही है।
वहीं, दूसरी तरफ़ अपनी पार्टी में संकट का सामना कर रहे चिराग पासवान ने अब अपनी रणनीति बदलने की संकेत दिए है। पिछले दिनों बिहार दौरा पर आए चिराग ने बंद कमरे में तेजस्वी यादव से बातचित की और अचानक दिल्ली पहुँचने के बाद राजद के राष्ट्रीय महासचिव से भी मिले है। ख़बर है कि राजद के राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने चिराग से मुलाकात की है। हालांकि, रजक ने इस मिलन को व्यक्तिगत बताया है, लेकिन सियासी हलके में इसको लेकर चर्चाएं तेज हैं।
बदा दें कि राजद नेता ने शनिवार को दिल्ली में अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से भी मुलाकात की थी। इस बीच चिराग का बिहार में अपना कार्यक्रम छोड़कर अचानक दिल्ली पहुँचना और दोनों के बीच मुलाकात को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। क्योंकि तेजस्वी यादव ने पहले ही चिराग को महागठबंधन के साथ आने का न्योता दे चुके हैं। इधर चिराग भाजपा के साथ अपनी पार्टी के रिश्ते पर अपनी सोच को अब बदलते दिख रहे है। क्योंकि चिराग ऐसे में कब क्या समीकरण बनेगा कोई कुछ कह नहीं सकता है।