Published on August 24, 2021 4:11 pm by MaiBihar Media
गोपालगंज में दिन प्रतिदिन बाढ़ का पानी तेजी से फैलते जा रहा है। दो दिनों से पांच प्रखंड़ों गोपालगंज, मांझा, बरौली, सिधवलिया और बैकुंठपुर में बाढ़ से तबाही देखी जा रही है। यहां तक की मुख्य सड़कें व लींक रोड डूबने से पांचों प्रखंड के लगभग 25 गांवों का संपर्क टूट गया है। चाह कर भी लोग अपनों का ख्याल नहीं रख पा रहे है। बाढ़ की तबाही से करीब 2 हजार से ज्यादा परिवार विस्थापित होकर तटबंधों व सड़क के किनारे रातें गुजार रहे हैं। किसी तरह की सरकारी सहायता नहीं मिलने से बाढ़ पीड़ितों में प्रशासन के प्रति आक्रोश बढ़ रहा है।
त्रिपाल व पॉलिथिन के सहारे जिंदगी
बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि सड़कों पर 3 से चार फूट उपर पानी बह रहा है। इस इलाके में जो घर है डूब गए है। कई झोपड़िया तो ध्वस्त हो गई है। घर डूबने के बाद पीड़ित लोग बांधों पर शरण लिए है। त्रिपाल व पॉलीथिन के सहारे लोग अपनी जिंदगी काट रहे है। दूसरी तरफ लोगों का कहना है कि सरकारी मदद की आस है लेकिन अभी तक कोई मदद नहीं पहुंची है।
खेती को भी भारी नुकसान
बता दें कि बाढ़ के पानी फैलने से जहां लोगों की परेशानी बढ़ी है वहीं, खेती को भी भारी नुकसान पहुंचा है। पूर्वांचल के कई गांवों में पानी प्रवेश कर गया है। लो-लैंड इलाकों में 4 फीट पानी बह रहा है। खेतों में स्थिति यह है कि धान की फसल दिख तक नहीं रही। गन्ने के फसल बर्बाद होने से किसान काफी चिंतित है। उधर फिर रविवार को 2.36 लाख क्यूसेक पानी वाल्मिकि नगर डैम से छोड़े जाने की खबर ने पीड़ितों की बेचैनी बढ़ा दी है।