Published on June 29, 2022 1:36 pm by MaiBihar Media
नालंदा जिला के राजगीर प्रखंड के नाहुब गांव में दो माह के दौरान फार्म के 250 सुअरों की मौत हो गई। जो पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। आपको बता दें कि इतनी बड़ी तादाद में सुअरों के मरने से संचालक की परेशानियां अचानक से बढ़ गई है। जानकारी के अनुसार सुअरों की मौत अफ्रीकन स्वाइन फीवर से हुई है। इसते बड़े तादात में सुअरों को इस बिमारी से संक्रमित होने की पुष्टि भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान ने की है।
वहीं इस संक्रमण का पता चलने के बाद लोगों ने बतायाा कि 30 संक्रमित सुअर फार्म से फरार हो गए है। जिससे आसपास के ग्रामीणों को इलाके में संक्रमण फैलने का भय सता रहा है। वहीं इस संक्रमण का पता लगने के बाद स्थानीय जिला प्रशासन ने बचे सुअरों को मारने का निर्देश जारी कर दिया है। प्रशासन किसी भी हाल में इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हर आवश्यक पहल कर रहा है।
इस संक्रमण का पता लगने के बाद जिला प्रशासन ने सुअरों के बाड़े से एक किलोमीटर के रेडियस को संक्रमित जोन घोषित कर दिया है। वहीं सतर्कता बरतते हुए इस बाड़े के 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले सभी सुअरों की जांच की जाएगी। यह रोग एक स्थानीय व्यक्ति अनिल कुमार के फार्म में हुई। वहीं फार्म की देख रेख करने वाले रोहित कुमार ने बताया कि फार्म में कुल 300 सुअरों को रखा गया था। जिसमें 250 की अचानक मौत हो गई। शेष बचे 50 सूअर को बाहर निकाला गया, जिसमें 30 गांव एवं खेत की ओर भाग निकले। जबकि 20 की मौत भी हो गई। भागे हुए सुअरों से इलाके में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। अनिल ने बताय कि फार्म से सुअरों की सप्लाई पूर्वोत्तर राज्यों में की जाती है।
वहीं जिलाधिकारी ने कहा कि अफ्रीकन स्वाइन फीवर से नागरिक व दूसरे जानवरों को खतरा नहीं है। घटनास्थल के एक किलोमीटर के रेडियस को संक्रमित जोन घोषित करते हुए सभी सुअरों को मारने और उनके खाद्य सामग्रियों को नष्ट करने का आदेश दिया गया है। 10 किलोमीटर के अंदर सर्विलांस जोन बनाया गया है। इन क्षेत्रों के अंदर सभी सुअरों की जांच कराई जाएगी। सुअरों के बाहर से लाने और उसके मांस बिक्री पर रोक लगा दी गई है।