Published on May 20, 2022 1:29 pm by MaiBihar Media

छपरा में पुश्तैनी जमीन में बराबर की हिस्सेदारी के लिए श्मशान घाट पर एक अलग ही नाजरा देखने को मिला। आज तक आपने दो भाइयों के बीच संपत्ति की लड़ाई को अमूमन कोर्ट-कचहरी में लड़ते सुनते थे। लेकिन यहां एक कदम आगे लड़ाई पहुंच गई। जिसकी कल्पना जीते-जी कभी माता या पिता ने नहीं की होगी। जब संपत्ति को लेकर दो भाइयों ने श्मशान घाट पर अपनी मां को अलग-अलग मुखाग्नि देने की ठान ली हो, और दोनों ने मुखाग्नि दी भी।

जानिए क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार छपरा के भगवान की रहने वाली 105 वर्ष की वृद्धा गीता देवी का निधन हो गया । जिसके बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए सिमरिया घाट पर परिजनों ने लाया। आपकों बता दें कि निधन होने के बाद स्वर्गीय इंद्र देव राय की पत्नी गीता देवी के बड़े पुत्र सिंगेश्वर राय मां को मुखाग्नि देने पहुंचे थे। तब तक उन का छोटा भाई दिनेश्वर राय भी उतरी पहनकर मुखाग्नि देने के लिए तैयार हो गया। जिसके बाद घाट पर दुविधा की स्थिति उत्पन्न हो गई।

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मां के पेंशन को लेकर होता था विवाद
गीता देवी अपने बड़े बेटे सिंगेश्वर राय के साथ उसके घर पर रहती थी। पेंशन मिलती थी जिसको लेकर दोनों भाइयों में यदाकदा विवाद चलता रहा है। मां की मृत्यु के बाद छोटे भाई को लगा कि सारी संपत्ति बड़ा भाई हड़प लेगा, इसलिए उसको भी मुखाग्नि देनी चाहिए। ताकि उसकी बराबर के हिस्सेदारी का दावेदारी मजबूत बनी रहे। दोनों बेटे जब मुखाग्नि देने के लिए तैयार दिखे तो श्मशान घाट पर मौजूद सभी लोग अवाक रह गए। लोगों ने छोटे बेटे को काफी समझाया की परंपरा के अनुसार बड़ा बेटा जब मां को आग दे रहा है तब छोटे को इसकी जरूरत नहीं, लेकिन उसमें कोई भी भाई पीछे हटने को तैयार नहीं था। तभी बड़े भाई ने मुखाग्नि के लिए विधि-विधान के मुताबिक घाटकर्मी से अग्नि ली। बड़े भाई के पीछे ही छोटे भाई ने उसी से पूरे विधि विधान के साथ अग्नि लिया। जब बड़े भाई ने मुखाग्नि दे दी तो फिर छोटे भाई ने भी अलग से मुखाग्नि दी।

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