Published on March 13, 2022 1:22 pm by MaiBihar Media

विधानसभा हंगामा प्रकरण को लेकर अचार समिती ने अपनी रिपोर्ट साैंप दी है। जिसमें एक दर्जन विधायक दोषी पाए गए है। जिनपर कार्रवाई की अनुुशंसा की गई। आपकों बता दें कि पिछले साल 23 मार्च को विधानसभा में अभूतपूर्व हंगामा हुआ था। जिसके बाद विधानसभा वेल में पहली बार पुलिस पहुंची थी और हंगामा कर रहे विधायकों को बलपूर्वक बाहर निकाला था। इसी कड़ी में 23 मार्च को सदन में हंगामा को लेकर एक दर्जन विधायक दोषी पाए गए हैं। इसमें छह विधायकों पर कठोर जबकि छह पर कठोरतम कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है।
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस अधिनियम को लेकर हुआ था हंगामा
आपकों बता दें कि 23 मार्च 2021 को भोजनावकाश के बाद सदन में विपक्षी विधायकों ने बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस अधिनियम, 2021 को लेकर जमकर हंगामा किया था। विधायकों के हंगामे से नाराज विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने पूरे मामले की जांच की जिम्मेवारी विधानसभा की आचार समिति को सौंपी थी

विधायकों के साथ मारपीट का भी लगा था आरोप
23 मार्च को उग्र विधायकों को सदन से बाहर करने के लिए पुलिस को बुलाया गया था। उन्होंने जबरन विधायकों को बाहर निकाला। इस दौरान सदन से बाहर विधानसभा परिसर में विधायकों के साथ अप्रिय घटनाएं हुई। विपक्षी विधायकों ने आरोप लगा था कि उनके साथ मारपीट हुई है। बाद में विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इसकी जांच के आदेश दिये थे। जांच के आधार पर सिपाही शेषनाथ प्रसाद (सिपाही संख्या-456) व सिपाही रंजीत कुमार (सिपाही संख्या-504) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन दोनों सिपाहियों का आचरण उनके उदंडता, मनमानेपन, गैर जिम्मेदाराना व अयोग्य पुलिस कर्मी होने का स्पष्ट परिचायक है। इससे पुलिस विभाग की छवि धूमिल हुई है। पटना आईजी ने इस संबंध में 19 जुलाई 2021 को अलग से आदेश निर्गत किया था।

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