Published on February 24, 2022 11:13 am by MaiBihar Media
ईडी टीम बुधवार सुबह छह बजे महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक घर पहुंची। एक घंटे पूछताछ के बाद आठ बजे उन्हें ईडी कार्यालय ले जाया गया। दक्षिण मुंबई स्थित कार्यालय में करीब 6 घंटे पूछताछ के बाद अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लांड्रिंग केस में मलिक को गिरफ्तार किया गया। वहीं गिरफ्तारी के बाद ईडी ने मलिक को कोर्ट में पेश कर 14 दिन की रिमांड मांगी है।
मुझे अरेस्ट किया गया है, लेकिन मैं डरूंगा नहीं
ईडी के मुताबिक पीएमएलए के तहत दर्ज केस में मलिक पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे थे, इसलिए उनकी गिफ्तारी हुई है। ईडी कार्यालय से मेडिकल जांच के लिए ले जाते समय मलिक ने कहा, ‘मुझे अरेस्ट किया गया है लेकिन मैं डरूंगा नहीं। हम लड़ेंगे और जीतेंगे।’
एनसीपी के दूसरे दिग्गज नेता को ईडी ने किया है गिरफ्तार
आपकों बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के बाद मलिक एनसीपी के दूसरे दिग्गज नेता हैं जिन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया है। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने नवंबर 2021 में मलिक पर कुर्ला स्थित गोवावाला कंपाउंड इलाके में अंडरवर्ल्ड से जुड़ी जमीन सस्ते में खरीदने का आरोप लगाया था। उसी मामले में गिरफ्तारी हुई है।
3.3 करोड़ की जमीन 55 लाख में खरीदी
ईडी की एएसजी अनिल सिंह ने विशेष कोर्ट में कहा, हसीना दाऊद का बिजनेस संभालती थी। उसकी एक प्रॉपर्टी कुर्ला स्थित गोवावाला कंपाउंड की है। पॉवर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर हसीना ने उस प्रॉपर्टी के राइट्स 55 लाख रुपए में मलिक को बेच दिए। इसका बाजार मूल्य 3.3 करोड़ रुपए था। वहीं, मलिक के वकील ने कहा, पॉवर ऑफ एटॉर्नी 23 साल और जमीन खरीद 19 साल पहले हो चुकी है। तब मनी लांड्रिंग एक्ट अस्तित्व में ही नहीं था। कोर्ट की रूलिंग है कि क्रिमिनल मामलों में पुरानी तारीख से कानून लागू नहीं हो सकता।
पवार और उद्धव के घर पर बैठकें जारी
इस कार्रवाई के बाद महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने इसे जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बताया। सीएम उद्धव ठाकरे ने राज्य के गृहमंत्री के साथ बैठक की है। वहीं, एनसीपी चीफ शरद पवार के आवास पर पार्टी नेताओं की बैठक हुई। वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने भी पवार से मिलकर समर्थन किया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने मलिक से इस्तीफा मांगा है। आर्यन खान ड्रग्स मामले में मलिक ने एनसीबी और केंद्रीय अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोला था। एनसीपी कार्रवाई को इसी से जोड़ा है।