पश्चिमी चंपारण के बगहा के शास्त्रीनगर मुहल्ला के वार्ड 18 की एक महिला ने चौथी बार बच्ची को जन्म दिया तो परिजनों ने महिला को घर लाने से इनकार कर दिया। वहीं महिला का पति को बेटी पैदा होने की जनाकारी मिली तो वह खुदखुशी करने के लिए एक पोखर में कूद गया।

जानिए क्या है पूरा मामला
पश्चिमी चंपारण के प्रदीप सहनी एवं उनकी पत्नी रीता देवी को पहले से तीन बेटियां है। मंगलवार को प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल में भर्ती कराया तो रीता ने चौथी बार भी एक बच्ची को जन्म दिया। इसकी सूचना आशा के माध्यम से परिवार वालों को दी गई तो उन्होंने बच्ची को घर लाने से साफ मना कर दिया। जिसकी वजह से मंगलवार को जच्चा व बच्चा दोनाें अस्पताल में रहे। परिजनों का कहना था कि वे बेटा के इंतजार में थे। पहले से ही उसे तीन बेटियां है अब चौथी बेटी का क्या करेंगे।

पिता ने लगा दी पोखर में छलांग
ग्रामीणों व परिजनो ने जैसे ही प्रदीप को यह सूचना दी तो वह काफी दु:खी हुआ और खुदकुशी की नीयत से उसने अपने मुहल्ले के ही तालाब में मंगलवार की शाम छलांग लगा दी। हालांकि मौके पर मौजूद लोगों ने प्रदीप को तत्काल डूबने से बचा लिया गया।
पत्नि को दी धमकी, कहा- घर नहीं आना
पोखर से निकलने के बाद प्रदीप ने पत्नी को धमकी दी कि वह बच्ची को लेकर घर नहीं आए। इसके बाद से प्रदीप न तो पत्नी को लेने अस्पताल ही पहुंचा है और नही घर ही गया है। वह कही गायब हो गया है। जिसकी खोजबीन की जा रही है।

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मां ने कहा – मैं ही पालूंगी चौथी बेटी को
दो दिनों से नवजात बेटी को लेकर परिजनों का इंतजार कर रही रीता ने बताया कि बच्चे भगवान की देन होते है। वह बेटा या बेटी किसी के वश में नहीं होता। अगर उसके पति व ससुराल वाले इस बच्ची को रखने से इनकार करेंगे तो जैसे वह तीन बेटियों का पालन पोषण कर रही है, वैसे ही अपनी चौथी बेटी का भी पालन पोषण करेंगी। लेकिन वह उसे अस्पताल में या किसी और को नहीं देगी।

काफी मान मनौव्वल के बाद घर ले गई सास
बताया जाता है कि जब बुधवार को भी परिजन अस्पताल नहीं पहुंचे तो इसकी भनक मीडिया वालों को अस्पताल कर्मियों से लगी। इसके बाद रीता की सास को अस्पताल बुलाया और काफी समझा बुझाकर उसे रीता व बच्ची को साथ ले जाने के लिए राजी किया। वहीं अस्पताल कर्मियों ने बताया कि जाते जाते रीता की सास ने रीता को धमकाया भी और कहा कि चलो घर पर बताते है।

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बच्ची को अपनाने के लिए बढ़े कई हाथ
अस्पताल में प्रसूता की सास को अस्पताल में आये अन्य मरीज तथा उनके साथ आये परिजनों तथा स्वास्थ्यकर्मियों ने काफी समझाया। लेकिन वह नवजात और उसकी मां को घर ले जाने को तैयार नहीं हो रही थी। जिसके बाद कई दंपति व महिलाएं बच्ची को अपनाने को तैयार हो गए। वहीं बगहा अनुमंडलीय अस्पताल के प्रशासनिक पदाधिकारी डाॅ. राजेश सिंह ने बताया कि महिला ने मंगलवार की शाम एक पुत्री को जन्म दिया है। तबसे उसके परिजन उसपर भड़के हुए हैं। बच्ची को घर नहीं ले जाना चाह रहे हैं।

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