Published on September 21, 2021 9:17 am by MaiBihar Media
भादो पूर्णिमा पर शेखपुरा शहर में सोमवार की अहले सुबह से ही जिले के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। साथ ही गिरिहिंडा पहाड़ पर शिव-पार्वती मंदिर में पूजा-अर्चना एवं जलाभिषेक किया। इस दौरान लोगों ने कोरोना संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन के निर्देश का पालन भी किया। हालांकि गिरिहिंडा पहाड़ जाने वाले मुख्य रास्ते एवं पहाड़ पर रंग-बिरंगे खिलौने की दुकान सजा रहा। सोमवार की सुबह से शुरू हुई भीड़ दोपहर बाद तक बनी रही। सुबह से लेकर शाम तक लोगों के पहाड़ पर चढ़ने और उतरने का सिलसिला जारी रहा।
महाभारत काल से जुड़ा है मंदिर का इतिहास
वहीं, मंदिर के पुजारी रामप्रवेश दास ने बताया कि यह मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। इस गिरिहिंडा पहाड़ पर हिडिम्बा नामक दानवी स्त्री रहती थी। पांडव के निर्वासन काल में गदाधारी शक्तिशाली भीम भटक कर यहां पहुंचे थे तथा हिडिम्बा से गन्धर्व विवाह रचाया था। जिससे घटोत्कच नामक पुत्र रत्न उत्पन्न हुआ जिसकी वीरता चर्चित था।
पुजारी ने बताया कि मान्यता है कि इसी हिडिम्बा नामक स्त्री की स्मृति में गिरिहिंडा मोहल्ला का नामांकरण हुआ। गिरिहिंडा पहाड़ पर स्थापित शिवलिंग को भीम द्वारा स्थापित माना जाता है। वहीं, इसकी चर्चा मुंगेर गजेटियर नामक किताब में भी की गयी है।