Published on September 18, 2021 5:26 pm by MaiBihar Media
जेपीविवि की एनएसएस स्वंयसेविका ममता कुमारी का चयन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय सेवा योजना अवार्ड 2019-2020 के लिए हुआ है। जयप्रकाश महिला कॉलेज (Jaiprakash Mahila College) की साइकोलॉजी ऑनर्स की छात्रा ममता देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हांथों 24 सितंबर एनएसएस डे के मौके पर सम्मानित होंगी। उन्हें पुरस्कार के रूप में एक लाख की नकद राशि के साथ ही प्रशस्ती पत्र व मेडल से सम्मानित किया जाएगा। जेपीविवि के एनएसएस के समन्वयक प्रो. हरिश्चंद्र ने कहा कि पूरे देश से हर बार कुल तीन कोटि बेस्ट कार्यक्रम समन्वयक, बेस्ट कार्यक्रम पदाधिकारी तथा बेस्ट स्वंयसेवक के रूप में छात्र व शिक्षकों को पूरे सत्र में बेहतर कार्य के लिए चयनित किया जाता है। इस बार पूरे देश से ममता समेत कुल 30 छात्र-छात्राओं का चयन एनएसएस पुरस्कार के लिए किया गया है। जिसमें बिहार से एक छात्र व एक छात्रा का चयन किया गया है। जेपीविवि की छात्रा ममता तथा मगध विवि बोघगया के छात्र विशाल को इस बार राष्ट्रपति के हांथों अवार्ड पाने का मौका मिलेगा।
ममता को मिलाकर जेपीविवि के स्वंयसेवक छात्र-छात्राओं ने अलग-अलग सत्र में अभी तक कुल सात बार एनएसएस अवार्ड हासिल करने का गौरव हासिल किया है। यह अपने आप में रिकार्ड है। एनएसएस के पूर्व समन्वयक डाॅ. वीवी त्रिपाठी के नेतृत्व में वर्ष 2007 में यह कारंवा शुरू हुआ तो फिर उनके सेवानिवृति के बाद भी यह लगातार जारी है । अभी तक जेपीविवि के तीन छात्र व चार छात्राएं इस अवार्ड से सम्मानित होने का गौरव हासिल कर चुके हैं। शहर के जटही पोखरा के रघुनाथ चौधरी व निर्मला देवी की पुत्री ममता ने अपने उपलब्धी का श्रेय अपने माता-पिता के साथ एनएसएस के पूर्व समन्वयक डाॅ. वीवी त्रिपाठी को देते हुए कहा कि उनके सहयोग व मार्गदर्शन का ही परिणाम प्राप्त हुआ। मालूम हो कि ममता एक अच्छी फुटबॉलर के साथ ही एक कुशल कथक नृत्यांगना भी है।
जेपीविवि के कुलपति ने कहा पूरा विवि हुआ गौरवान्वित
ममता के एनएसएस अवार्ड के लिए चयनित होने की सूचना पर विवि में हर्ष का महौल है। कुलपति प्रो. फारूक अली ने स्वंय ममता को आमंत्रित कर उसे बुके के साथ अंगवस्त्र व पगड़ी देकर सम्मानित किया। उन्होनें उसके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि ममता के कारण जेपीविवि का नाम देशस्तर पर जाना जा रहा है। भले ही वे राष्ट्रपति के पास नहीं पहुंच पाए हैं, मगर ममता के माध्यम से जरूर वे वंहा पहुंचने में सफल रहे।
अपनी सहेली के साथ मिल कर चला रही थी अभियान
वर्ष 2018 में इसी अवार्ड को हासिल करने वाली अपनी सहेली अनिशा के साथ व लगातार निस्वार्थ भाव से सोशल वर्क के तहत विभिन्न तरह के अभियान में जुटी हुई थी। एनएसएस के विभिन्न कार्यक्रमों के साथ ही गरीब बच्चों के लिए निशुल्क ट्यूशन, पौधा रोपण, लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देने का काम करते रहती थी। वहीं ममता ने कोरोना काल में भी लोगों को जागरूक करने के साथ ही गरीब व वंचितों की मदत के लिए हमेशा तैयारी रहती थी। पोलियो वैक्सिनेशन, ब्लड डोनेशन आदि अभियान में भी व हमेशा सक्रिय रहती थी।