Published on September 11, 2021 10:21 pm by MaiBihar Media
कोरोना के संभावित तीसरी लहर (Third Wave) के बीच बदलते मौसम में वायरल बुखार (Viral Fever) का प्रकोप बढ़ते जा रहा है। खासकर बच्चे इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं। बिहार (Bihar) के कई जिलों में इसका कहर देखने को मिल रहा है। दरभंगा (Darbhanga) , गोपालगंज (Gopalganj), बेतिया (Bettiah) , नवादा (Nawada) , वैशाली (Vaishali) और राजधानी पटना (Patna) के बाद गया (Gaya) में भी वायरल फीवर का असर देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ दिनों से वायरल फीवर से ग्रसित होने वाले बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इधर, मगध (Magadh) के सबसे बड़े अस्पताल मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु वार्ड में 75 फीसदी बेड फुल हो चुके हैं। मेडिकल में वर्तमान में भर्ती बीमार बच्चों की संख्या 50 से अधिक बताई जा रही है।
इस बाबत मेडिकल के अधिकारी की मानें तो इस वर्ष पिछले साल से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। इसके दो कारण हैं, जिसमें तीसरी लहर की आशंका शामिल है। जिन्हें फीवर आ रहा है तो परिजन उसे कोविड समझ रहे हैं। सच्चाई यह है कि जितने भी जांच हो रहे हैं, उसमें कोविड पॉजिटिव के केस कहीं से नहीं हैं। किन्तु आम लोगों में यह धारणा बन चुकी है, जिसके कारण बच्चों की संख्या मेडिकल में बढ़ रही है।
आशंका है, कि वायरल फीवर की चपेट में आने वाले बच्चों की संख्या अभी और बढ़ेगी, ऐसे में मेडिकल में नए बिल्डिंग का चयन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एमसीएच बिल्डिंग को वैकल्पिक तौर पर रखा गया है। मेडिकल के शिशु वार्ड में फिलहाल 71 बेड हैं, दावा किया जा रहा है कि सभी बेड ऑक्सीजन युक्त हैं।
उधर, मगध मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक ने बताया मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Magadh Medical College) के शिशु वार्ड में फिलहाल 50 के करीब मरीज भर्ती हैं। वार्ड में 31 और पीकू-निकू में 19 बच्चों को भर्ती किया गया है। अब जो भी भर्ती हो रहे हैं, उनकी रैपिड जांच के साथ-साथ आरटीपीसीआर जांच भी शुरू कर दी गई है। मेडिकल में वयवस्था हाई लेवल की है। हर उपकरण का लाभ लिया जा रहा है और तमाम जांच कर बच्चों का इलाज बेहतर तरीके से किया जा रहा। बीमार बच्चों को बगैर किसी लापरवाही के प्रायोरिटी के साथ इलाज किया जा रहा।
आपको बता दें कि सिर्फ राजधानी पटना की करें तो यहां के अस्पतालों के ओपीडी में वायरल बुखार से पीड़ित सौ से अधिक बच्चे रोज पहुंच रहे हैं। पीएमसीएच में पांच और बच्चों को भर्ती किया गया है। जबकि आईजीआईएमएस में 70 बच्चों में 16 वायरल बुखार से पीड़ित हैं। वहीं, एनएमसीएच में वायरल फीवर से पीड़ित 79 बच्चें भर्ती हैं। इस खबर से स्वास्थ्य महकमा भी हरकत में है।