Published on September 3, 2021 8:43 pm by MaiBihar Media
बिहार के सारण (Saran) स्थित जयप्रकाश नारायण विश्विद्यालय ने पॉलिटिकल साइंस के पीजी सिलेबस से जेपी, राम मनोहर लोहिया, दयानंद सरस्वती, राजा राममोहन राय, बाल गंगाधर तिलक जैसे महापुरुषों के विचार को सिलेबस से हटा दिए जाने की खबर विगत दिनों आई। जिसके बाद बिहार में राजनीतिक हलचलें तेज हो गई। राजद सुप्रीमो ने आपत्ति जाहिर की और सरकार से कार्रवाई करने की मांग की। शिक्षा मंत्री ने इसको लेकर आश्वासन दिया है कि जेपी और लोहिया के विचार विवि के सिलेबस से बाहर नहीं होंगे। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी आदेश दिए हैं कि इस विषय पर चिंता जताते हुए बोला की इसकी पूर्ण रूप से जांच होनी चाहिए और शिक्षा विभाग भी पिछले दिनों हुए पाठ्यक्रम में भुए बदलाव की पूर्ण जानकारी एकत्रित करें।
गौरतलब हो कि पॉलिटिकल साइंस के पीजी सिलेबस से जेपी, राम मनोहर लोहिया, दयानंद सरस्वती, राजा राममोहन राय, बाल गंगाधर तिलक जैसे महापुरुषों के विचार को सिलेबस से हटाकर नए सिलेबस में पंडित दीनदयाल उपाध्याय, सुभाष चंद्र बोस और ज्योतिबा फुले के विचार को शामिल किया गया था। जिसके बाद कांग्रेस के छात्र नेताओं ने विरोध जताया। इधर लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर सरकार से कार्रवाई करने की मांग की। जिसके बाद मुख्यमंत्री से लेकर शिक्षा मंत्री तक का बयान सामने आया है।
विगत दिनों लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने ट्वीट कर लिखा है, मैंने जयप्रकाश जी के नाम पर अपनी कर्मभूमि छपरा में 30 वर्ष पूर्व जेपी विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।अब उसी यूनिवर्सिटी के सिलेबस से संघी बिहार सरकार तथा संघी मानसिकता के पदाधिकारी महान समाजवादी नेताओं जेपी-लोहिया के विचार हटा रहे है। यह बर्दाश्त से बाहर है। सरकार तुरंत संज्ञान लें।
सियासी सरगर्मी तेज होते ही इधर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने प्रेस वार्ता की और कहा की बिहार की मिट्टी से जुड़े किसी भी बड़े राजनेता का विचार पाठ्यक्रम से निकलना चिंता का विषय है। मामला संज्ञान में आते ही अपर मुख्य सचिव और शिक्षा निदेशक द्वारा कुलपति और कुलसचिव को स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि विवि से संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर विवि के पदाधिकारियों को बुला कर बात की गई।