Published on August 29, 2021 9:35 pm by MaiBihar Media
बिहार में होने वाले चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने तमाम तैयारियां पूरी कर ली है। इस कड़ी में आयोग निष्पक्ष चुनाव कराने हेतु राज्य निर्वाचन आयोग ने गृह विभाग से कहा, पिछले चुनावों में बूथ कैप्चरिंग और चुनावी हिंसा वाले स्थानों की मैपिंग कराएं। साथ ही आयोग में चुनाव से जुड़े अपराध का डाटा बेस बनाने और वारंटियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने को भी कहा है। इतना ही नहीं आयोग ने 2011 और 2016 के पंचायत चुनाव के डेटाबेस को गृह विभाग से साझा किया है और हरहाल में सख्ती बरतने को कहा है।
जानकारी के मुताबिक राज्य निर्वाचन आयोग ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव और डीजीपी को पत्र जारी किया है। जिसमें आयोग ने कहा है कि पंचायत चुनाव को स्वच्छ, निष्पक्ष एवं भयमुक्त संपन्न कराने के लिए असामाजिक तत्वों एवं उपद्रवी तत्वों को निरुत्साहित करना जरूरी है। साथ ही उनके विरुद्ध सरकार के पास उपलब्ध कानूनी विकल्पों का प्रभावी उपयोग करने को भी कहा है। आयोग ने चुनावी हिंसा को रोकने के लिए पिछले चुनावों में हुई हिंसा की घटनाओं का भी हवाला दिया है। आयोग ने कहा है कि वर्ष 2011 के पंचायत चुनाव में केवल मतदान के दिन 13 हथियार, 238 गोलियां बरामद की गई थीं। इसके अलावा 1699 वाहन जब्त किए गए थे। 10,68,262 रुपए, 493 लीटर शराब, 188 मोबाइल जब्त किए गए थे और 8328 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
वर्ष 2016 के चुनाव में भी मतदान की दिन घटनाएं हुई थीं। इसमें वैशाली जिला के लालगंज में एक मतदान केन्द्र से 300 मीटर की दूरी पर गोलीबारी की घटना हुई थी जिसमें 1 वय्क्ति की मौत हुई थी और 1 व्यक्ति घायल हुआ था। आयोग ने इन घटनाओं का हवाला इसलिए दिया है कि इस बार के चुनाव में मतदान के दिन कोई गड़बड़ी न हो और अपराधियों के खिलाफ पुलिस अभी से ही एक्शन में आ जाए।
आयोग ने गृह विभाग और डीजीपी से चुनाव के दौरान बिहार एक्साइज एक्ट का सख्ती से अनुपालन कराएं। इसके अलावा नक्सल प्रबावित क्षेत्रों में चुनाव कराने के लिए उन क्षेत्रों का मैप और चुनावी हिंसा वाले क्षेत्रों की भी मैपिंग कराएं। सभी डीएम और एसपी को आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन कराने का भी निर्देश दिया गया है। ताकि इसबार चुनाव शांतिपूर्ण माहौल में निष्पक्ष रूप से सम्पन्न कराया जा सके।