Published on August 28, 2021 6:28 pm by MaiBihar Media
इस बार जन्माष्टमी (Janmashtami) का पर्व 30 अगस्त को पूरे ही धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इस बार जन्माष्टमी पर ऐसा अद्भुत संयोग है जिसमें सच्चे मन से पूजन करने पर भक्तों की हर मनोकामनाएं पूरी हो सकती है। हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण जन्माष्टमी होती है। इस दिन भगवान विष्णु (Vishnu) के आठवें अवतार श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। इस बार की जन्माष्टमी बहुत खास होने वाली है क्योंकि इस बार जन्माष्टमी पर अद्भुत संयोग बनने जा रहा है। इस साल जन्माष्टमी पर दुर्लभ संयोग बन रहा है।
श्रीमद् भागवत पुराण के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि के मध्य रात्रि में हुआ था। शास्त्रों के अनुसार भाद्र कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र वृष राशि में चंद्रमा इसके साथ सोमवार या बुधवार को होना बेहद दुर्लभ संयोग माना जाता है। इस बार जन्माष्टमी पर यह सभी योग बन रहे हैं। हिंदू (Hindu) पंचांग के अनुसार इस साल श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा।
ऐसे करें पूजा
सुबह स्नान करके भगवान के समक्ष व्रत का संकल्प करें। इसके बाद दिन भर श्रद्धा अनुसार व्रत रखें व्रत। निर्जल रहे या फलाहार लेकर करे। अपनी क्षमता अनुसार ले। कान्हा के लिए सूखा प्रसाद आदि बनाएं। शाम को श्रीकृष्ण भगवान का भजन कीर्तन करें। रात में 12 बजे खीर में लड्डू गोपाल को बैठा कर कन्हैया का जन्म कराएं। नार वाले खीर का तात्पर्य माता देवकी के गर्भ से लिया जाता है। इसके बाद भगवान को दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से स्नान कराएं। सुंदर वस्त्र मुकुट माला पहनाकर पालन में बिठाए।
मंत्रों का करें जाप
ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णय कुंठमेधसे, सर्वव्याधी विनाशय प्रभो माम्मृत कृधि।
ॐ नमो भगवते श्री गोविंदाय नमः।
हे कृष्ण द्वारकवासिन क्वासी यादवनंदन, आपधी परिभूता मां प्राइस वासु जनार्दन।
ॐ श्री नमः श्री कृष्णाय परिपूर्ण माते स्वाहा।
ॐ गोवलभाय स्वाहा।