बिहार के 16 जिले में 2626 गांव के 37 लाख लोग प्रभावित हैं। हालांकि, राहत की बात है कि गंगा का जलस्तर लगातार घट रहा है लेकिन एक दर्जन नदियां अभी भी लाल निशान के पार है। ऊपर से मानसून का कहर भी जारी है। नेपाल के तराई वाले इलाकों में लगातार बारिश के बीच उत्तर बिहार की नदियों का जलस्तर बढ़ना जारी है। एक दर्जन नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और उनमें से अधिसंख्य का जलस्तर बढ़ रहा है। आपदा विभाग द्वारा लगातार राहत व बचाव कार्य जारी हैं।

गौरतलब हो कि विभागिय जानकारी के मुताबिक नेपाल में लगातार बारिश होने से कई नदियों में उफान है। बूढ़ी गंडक, कोसी, बागमती, अधवारा, भूतही बलान, महानंदा और परमान का जलस्तर अधिसंख्य स्थानों पर बढ़ रहा है। कोसी वराह क्षेत्र में बढ़ रही है। यहां पानी 1.28. लाख क्यूसेक से बढ़कर 1.45 क्यूसेक हो गया है। बीरपुर में 1.85 लाख क्यूसेक पानी था। इसी तरह गंडक में वाल्मीकिनगर बराज पीआर 1.58 लाख क्यूसेक पानी था। सूबे की एक दर्जन प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

इन क्षेत्रों में अभी भी नदी लाल निशान के ऊपर

गंगा पटना के गांधीघाट, मुंगेर, भागलपुर, कहलगांव, कटिहार में, बागमती मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा व खगड़िया में, बूढ़ी गंडक समस्तीपुर, खगड़िया व मुजफ्फरपुर में, गंडक लालगंज में, कमला बलान मधुबनी में, अधवारा सीतामढ़ी में, खिरोई दरभंगा व सीतामढ़ी में, महानंदा किशनगंज, कटिहार व पूर्णिया में, घाघरा सीवान व सारण में, कोसी सुपौल, खगड़िया व कटिहार में, परमान पूर्णिया व अररिया में, बलान बेगूसराय में, भूतही नालंदा में लाल निशान से ऊपर है।

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आपको बता दें कि गंगा नदी फरक्का को छोड़कर पूरे बिहार में तेजी से नीचे उतर रही है। बक्सर, पटना, मुंगेर, भागलपुर में गंगा के जलस्तर में 47 सेंटीमीटर तक की कमी आई है। फरक्का में नदी का बढ़ना बंद हो गया है। यहां जलस्तर स्थिर है। उधर, पानी का प्रवाह भी घटकर मात्र 3.27 लाख क्यूसेक रह गया है। 24 घंटे में यहां 43 हज़ार क्यूसेक की कमी आई है। यहां नदी खतरे के निशान से 2.72 मीटर नीचे है।

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