Published on August 20, 2021 9:53 pm by MaiBihar Media
जमुई पहुंचे चिराग पासवान ने केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह के चिराग बुझने के बयान पर पलटवार किया है। साथ ही आरसीपी सिंह को जमकर खरी-खोटी सुनाई। साथ ही चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री को भी आड़े हाथों लिया है। अमृत महोत्सव कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे चिराग से जब पत्रकारों ने सवाल किया तो चिराग ने तंज में कहा कि चिराग बुझेगा या जलेगा यह उनके हाथ में नहीं है। उनका वश चलता तो वो मुझे और मेरे पिताजी को कबका बुझा दिए होते।
चिराग इतना पर ही नहीं रूके इशारों-इशारों में विरोधियों पर हमला बोलते हुए चिराग ने कहा, मेरे पिताजी को भी बुझाने का प्रयास उन लोगों ने और उनके पार्टी के मुखिया ने कई बार किया, लेकिन ना वो हमारे नेता को बुझा पाए और ना ही चिराग को बुझा पाएंगे। चिराग कितना जलेगा, नहीं जलेगा यह जमुई और बिहार की जनता फैसला करेगी। वहीं, उन्होंने आरसीपी सिंह पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि मंत्री बन कर आये थे, जितना पैसा आप ने अपने स्वागत में लगाया उतना पैसा बाढ़ पीड़ितों पर लगा देते, बिहार के विकास में लगा देते। जितने अपने स्वागत के लिए उन्होंने जगह जगह पर होडिंग- पोस्टर लगवाए थे, जितनी मेहनत अपने स्वागत में किए हैं उतनी ही मेहनत बिहार के विकास में करते तो बेहतर रहता।
चिराग ने साफ कहा कि इतना खर्च कर के अपने वर्चस्व को जो दिखा रहे हैं वो किस को दिखा रहे हैं, आप चिराग पासवान या भारतीय जनता पार्टी या राष्ट्रीय जनता दल को थोड़ी न दिखा रहे हैं। आप अपनी ही पार्टी में अपने ही नेताओं के सामने वर्चस्व दिखा रहे हैं ना कि तुम्हारे स्वागत में इतनी गाड़ियां तो मेरे में इतनी गाड़ियां तो वर्चस्व की लड़ाई आप लड़ रहे हैं। जहां तक रही बात चिराग की तो बहुत सी आंधियों ने प्रयास किया चिराग को बुझाने का लेकिन हिला भी नहीं पाई और यह जमुई की जनता का प्यार था की पहली बार जब मैं आया था तो 85 हज़ार से और दूसरी बार ढाई लाख से जिताया। मेरे लिए जमुई की जनता और बिहार के लोगों का प्यार बढ़ता जा रहा है। जिस की हिफाज़त बिहार की जनता कर रही हो उसे आरसीपी सिंह और मुख्यमंत्री भी बुझाने के प्रयास कर रहे हों तो इससे क्या होगा।
एनडीए में दिख रहा है विरोधाभास
बिहार में एनडीए की स्थिति के सवाल पर सांसद ने कहा कि एनडीए में विरोधाभास निरंतर देखने को मिल रहा है। पेगासस के मामले में भाजपा कुछ और बयान देती है कि जांच की जरूरत नहीं है फिर तुरंत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जांच की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि जांच की मांग सिर्फ पेगासस पर ही क्यों हो, सृजन घोटाले पर भी जांच की मांग नहीं होनी चाहिए, जो हत्याएं आये दिन बिहार में हो रही है इस पर जांच नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून पर भाजपा की राय अलग होती है और नीतीश कुमार की राय अलग होती है। जातिगत जनगणना पर उनकी राय अलग होती है और मुख्यमंत्री की राय अलग होती है।