Published on August 18, 2021 9:59 pm by MaiBihar Media
बिहार
बिहार में पंचायत चुनाव की तारीख को लेकर कल देर शाम कैबिनेट ने मुहर लगा दिया। जिसकी अधिसूचना 24 अगस्त को जारी कर दी जाएगी। इसके साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। बड़ी खबर आज सामने आई है कि अब पंचायत चुनाव के प्रत्याशियों की खर्च सीमा भी राज्य निर्वाचन आयोग ने तय कर दी है। किस पद के प्रत्याशी को चुनाव में कितना खर्च करना है इसको लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है।
गौरतलब हो कि आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार जिला परिषद सदस्य के प्रत्याशी अधिकतम 1 लाख रुपए तक चुनाव में खर्च कर सकते हैं। इसी तरह ग्राम पंचायत के मुखिया और सरपंच पद के प्रत्याशियों के लिए खर्च की सीमा 40 हजार निर्धारित की गई है। बात अगर पंचायत समिति सदस्य पद की करें तो पंचायत समिति के सदस्य के प्रत्याशी 30 हजार रुपए तक खर्च कर सकते हैं। वहीं, ग्राम पंचायत सदस्य और पंच के पद के प्रत्याशियों के लिए खर्च की सीमा 20 हजार रुपए निर्धारित की गई है। मालूम हो कि खर्च की सीमा में पिछले चुनाव की तुलना में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पहले यह माना जा रहा था कि खर्च की सीमा में दस प्रतिशत तक की वृद्धि संभावित है।
वहीं, जारी आदेश में कहा गया है कि अभ्यर्थियों को नामांकन की तिथि एवं रिजल्ट घोषणा की तिथि की अवधि में चुनाव से जुड़े सभी खर्च का ब्यौरा रखना होगा। रिजल्ट के जारी होने की तिथि से 15 दिनों के अंदर सभी उम्मीवार खर्च का ब्यौरा निर्वाची पदाधिकारी को एक शपथ पत्र के साथ देंगे। निर्वाची पदाधिकारी अभ्यर्थी द्वारा दाखिल खर्च की विवरणी पर ही दाखिल करने की तिथि लिखेगा और यह भी प्रमाणित करेगा कि खर्च का ब्यौरा समय सीमा के अंदर दिया गया है। खर्च का ब्यौरा प्राप्त होने के सात दिनों के भीतर निर्वाची पदाधिकारी कार्यालय के सूचना पट के अलावा जिला गजट में प्रकाशित करेंगे।
इतना ही नहीं आयोग ने यह भी कहा है कि 10 रुपया शुल्क के आधार पर खर्च का ब्यौरा निरीक्षण के लिए उपलब्ध रहेगा। खास बात यह है कि बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा 134 के अंतर्गत आयोग को अगर लगता है कि अपेक्षित समय एवं नियम से निर्वाचन खर्च का ब्यौरा नहीं दिया गया है और चूक के लिए कोई सही कारण या औचित्य नहीं है तो आयोग के आदेश पर उसे अयोग्य घोषित किया जाएगा। ऐसा व्यक्ति आदेश की तारीख से 3 वर्षों की अवधि तक अयोग्य रहेगा।