Published on August 6, 2021 9:16 pm by MaiBihar Media

नालंदा स्थित छबिलापुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव में जमीनी विवाद को लेकर हुए विगत दिनों नरसंहार का मामला अब राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। अभी भी इस इलाके में तनाव का माहौल व्याप्त है। हालांकि, प्रशासन के द्वारा गांव की स्थिति को देखते हुए पुलिस बलों की तैनाती की गई। जिन गलियों में बच्चो की किलकारी और खेलने की आवाज आती थी, आज उस गांव के हर गली से रोने चीखने की आवाज आ रही है। घटना के तीसरे दिन लोदीपुर गांव में राजद, लोजपा, बीजेपी और कांग्रेस के नेताओ ने गांव का दौरा किया और मृतक के परिजनों से मुलाकात कर आश्वासन भी दिया।

पीड़ित परिजनों से मिलकर राजद के प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने घटना को लेकर कहा कि इस घटना में सत्ता पक्ष के बड़े लोगों का भी हाथ है। प्रथम दृष्टया में यह सब बातें खुलकर सामने आ रही है। इसकी भी जांच होना जरूरी है। आखिर कौन लोग हैं जो इस इलाको को राजनीतिक रूप से प्रभावित करते हैं। राष्ट्रीय जनता दल इस नरसंहार में पीड़ित परिवारों के सदस्यों को सरकारी नौकरी और 25 लाख का मुआवजा देने की मांग की है।

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वहीं, इस्लामपुर के विधायक राकेश रौशन ने कहा कि इस घटना के बाद परिवार पूरी तरह से डरा सहमा हुआ है। इसलिए प्रशासन परिवार को सुरक्षा प्रदान करें। प्रशासन और सरकार से मांग करते हैं कि अविलंब मृतक के परिवार को सुरक्षा दिया जाए, जो लोग इस घटना में शामिल हैं। उनके ऊपर कठोर कार्रवाई हो, साथ ही साथ जिनकी भूमिका इस घटना में संलिप्त दिखाई दे रही है या जिन पदाधिकारियों की लापरवाही के चलते यह घटना घटी है, उसके ऊपर भी कार्रवाई होनी चाहिए।

वहीं, लोजपा प्रवक्ता राम किशोर प्रसाद उर्फ पप्पू ने कहा कि बिहार में प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं है। आज प्रशासन बालू, शराब और वाहन चेकिंग में लग गई है। यही कारण कि लॉ एंड आर्डर पूरी तरह से खराब हो चुका है, प्रशासन का काम आज सिर्फ तसली करना बच गया है।

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