Published on August 1, 2023 4:15 pm by MaiBihar Media

पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है। जातीय गणना को लेकर  हाईकोर्ट ने मंगलवार को नीतीश सरकार को बड़ी राहत दी है।  हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने ये फैसला सुनाते हुए बिहार सरकार को जातीय गणना कराने की अनुमति दे दी है। इससे पहले 4 मई को पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना कराने के बिहार सरकार के फैसले पर रोक लगा दिया था। हालांकि ये रोक अंतरिम थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि वह 3 जुलाई को इस मामले की सुनवाई करेगी। वही अब फैसला आ गया है।

बता दें कि जातीय गणना के मामले पर पिछले 7 जुलाई से ही पटना हाईकोर्ट की बेंच ने अपना फैसला रिजर्व रखा था। आज फैसला सुनाया गया। हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस पार्थ सार्थी की खंडपीठ ने 3 जुलाई से 7 जुलाई तक पांच दिनों तक जातीय गणना के खिलाफ याचिका दायर करने वालों और बिहार सरकार की दलीलें सुनी थी।

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दरअसल, हाईकोर्ट की रोक के बाद बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का भी रूख किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी होने का इंतजार करने को कहा था। बता दें कि नीतीश सरकार के जातिगत गणना कराने के फैसले के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में 6 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। इन याचिकाओं में जातिगत जनगणना पर रोक लगाने की मांग की गई थी। गौरतलब है कि बिहार में जाति की गणना की शुरुआत सात जनवरी से हुई थी। पहले फेज का काम पूरा हो गया था। इसके बाद दूसरे फेज का काम 15 अप्रैल से शुरू किया गया था। इसी बीच चार मई को पटना हाईकोर्ट ने अपने एक अंतरिम आदेश में जाति आधारित गणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया था।

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