Published on November 10, 2022 12:18 pm by MaiBihar Media
एक प्राइवेट नाव से सोनपुर मेला घुमने आए लगभग 200 यात्रियों की नाव डूबते-डूबते बची। गंगा-गंडक के संगम स्थल के पास तेजधारा में फंस कर ओवरलोडेड नाव जलसमाधि लेने वाली ही थी कि नदी में गश्ती कर रही एसडीआरएफ की टीम की नजर नाव पर सवार लोगों पर पड़ गई। तत्काल एसडीआरएफ कैंप को सूचना देकर और भी बोट को मौके पर बूलाकर टीम ने रेस्क्यू कर सभी को बचा लिया। इस दौरान नाव पर सवार लोगों के चहेरे पर दहशत का माहौल देखा गया। रेस्क्यू कर बचाए गए लोगों को हाजीपुर एसडीआरएफ कैंप घाट पर रखा गया है। आपकों बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा मेला के अगले 48 घंटे बाद तक गंगा-गंडक में प्राईवेट नावों के परिचालन पर लगी रोक के बावजूद भी ये सभी लोग प्राइवेट नाव लेकर मेला घूमने के लिए पहुंचे थे।
रेस्क्यू कर बचाए गए लोगों ने इस घटना के बाद बताया कि अरवल, पटना, गया, जहानाबाद और जिले के गांवों से कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए आए श्रद्धालु चंद्रग्रहण समाप्ति के बाद सुबह स्नान कर मेला घुमने के बाद मेले में ही रूक गए थे। सोनपुर के काली घाट पर बड़ी नौका लिए नाविक पटना गायघाट, कलेक्ट्रिएट घाट व अन्य घाटों के लिए पैसेंजर बैठा रहा था। लोगों ने कहा कि सभी ने नदी के रास्ते को आसान समझा व जल्दी पहुंचाने के लिए 30 से 50 रूपये तक प्रति यात्री किराया देकर नाव में सवार हो गए। करीब 250 यात्रियों को बैठकार नाविक ने नाव खोला। जैसे नाव हाजीपुर के तेरसिया के पास गंडक व गंगा के संगमस्थल के निकट पहुंची तेजधारा में नाव लगभग फंस गई। नाव पर सवार यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। इसी दौरान एसडीआरएफ की पेट्रोलिंग बोट की नजर डूबने जा रही नाव पर पड़ी। पेट्रोलिंग टीम मौके पर पहुंचने के साथ कैंप पर एसडीआरएफ प्रभारी को सूचना दी।
करीब 90 लोगों को रेस्क्यू कर नाव पर से उतारने के बाद शेष बचे यात्रियों को नाविक लेकर चला गया। रेस्क्यू किए गए उन 90 यात्रियों को एक बड़ा नौका मंगवा कर एसडीआरएफ कैंप के बगल कोनहारा घाट पर रखा गया है। एसडीआरएफ ने इस संबंध में प्रशासन को सूचना दे दी है। रेस्क्यू किए गए लोगों को सुरक्षित पटना तक पहुंचाने की प्रशासनिक स्तर पर व्यवस्था की जा रही है।