Published on July 21, 2022 11:54 am by MaiBihar Media
सिसवन थाना क्षेत्र स्थित महेंन्द्रनाथ मंदिर में हुए सावन की पहली सोमवारी के दिन हादसे के बाद प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया गया है। खबर के मुताबिक अब मेंहदार की श्रावणी मेला की व्यवस्था में व्यापक बदलाव किया गया है।अब पुरुष व महिला श्रद्धालु अलग अलग घाटों से जल लेकर अलग अलग रास्ते से मंदिर परिसर में प्रवेश करेंगे। साथ ही मंदिर में अलग अलग अरघा में जलार्पण कर अलग-अलग रास्ते से मंदिर से निकास भी करेंगे। इसके साथ ही बताते चलें की डीएम अमित कुमार पांडेय ने मंगलवार की शाम मेहदार पहुंच दुकानदारों को चेताया था कि वे अविलम्ब वहां से दुकान हटा लें। इसके साथ ही अलग से दुकान लगाने की व्यवस्था करने का आदेश दिया है।
इतना ही नहीं किसी भी श्रद्धालु को श्रावण महीने के शुक्रवार व सोमवार को मंदिर के गर्भगृह में जाने की इजाजत नही होगी। महिला श्रद्धालु महिला घाट से जल लेकर बैरिकेडिंग की गई रास्ते से मुख्य प्रवेश द्वार से मंदिर परिसर पहुचेंगी। तथा अरघा में जलार्पण कर उत्तरी द्वार से निकल जाएंगी वही पुरूष श्रद्धालु कमलदाह सरोवर के पुरुष घाट से जल लेकर मंदिर परिसर में प्रवेश करेंगे व अरघा में जलार्पण कर पश्चिमी गेट से होकर निकलेंगे।इसके लिये सभी रास्तों की बैरिकेडिंग कर दी गई है।
जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि कमलदाह सरोवर की भी बैरिकेडिंग करते हुये लाल निशान के जरिये खतरनाक जगहों को प्रदर्शित किया गया है। वही, सरोवर में मोटरबोट के साथ गोताखोरों की तैनाती की गई है। मंदिर में जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं को कई बदली हुई व्यवस्था से गुजरना पड़ेगा। इसके बाद वे जलाभिषेक कर सकेंगे।
इधर जिला प्रशासन द्वारा महेंद्र नाथ मंदिर के मुख्य द्वार के सामने स्थित दुकानों को 24 घंटे के अंदर हटाए जाने के अल्टीमेटम के बाद दुकानदारों ने वहां से अपनी दुकानें हटाने शुरू कर दी है। ये दुकानदार वहां से अपनी दुकान हटा महेंद्र नाथ मंदिर के पश्चिमी भाग में संस्कृत विद्यालय के सामने लगा रहे हैं। प्रशासन उन्हें 100 स्क्वायर फीट की जमीन उपलब्ध करा रहा है ताकि वे वँहा दुकान लगा अपनी रोजी-रोटी चला सके।